विदेश सचिव ने कहा, क्वाड रचनात्मक और सकारात्मक एजेंडे को लागू करने पर कर रहा है चर्चा

टोक्यो में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों के साथ ही अन्य वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। इसमें शामिल होने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी 23 और 24 मई को जापान का दौरा करेंगे। इस संबंध में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शनिवार कहा कि यह शिखर सम्मेलन नेताओं को क्वाड ढांचे के तहत अब तक हुई प्रगति का जायजा लेने का अवसर प्रदान करेगा। क्वाड रचनात्मक और सकारात्मक एजेंडे को लागू करने पर कार्य कर रहा है।

चीन के आक्रमक रुख पर होगी चर्चा

उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि क्वाड साझा मूल्यों, लोकतांत्रिक सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून, नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के साथ ही स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या क्वाड में चीन के आक्रामक रुख पर भी चर्चा होगी, क्वात्रा ने कहा कि नेताओं के विचार-विमर्श के एजेंडे के अनुसार, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा होने की पूरी उम्मीद है।

यूक्रेन विवाद पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है और इसे कई बार दोहराया जा चुका है। जब से अस्थिरता शुरू हुई, भारत ने इसे तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया। एजेंडे की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्वाड के तहत जलवायु परिवर्तन पर मिलकर काम करना भी शामिल है। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक डीकार्बोनाइज्ड ग्रीन शिपिंग नेटवर्क बनाना, स्वच्छ हाइड्रोजन का उपयोग करना, इसे और अधिक सुलभ बनाना शामिल है। इसके अलावा हिंद-प्रशांत के देशों को जलवायु निगरानी एवं सूचना-साझा करने में सहयोग भी शामिल है। कहा कि क्वाड के और विस्तार पर कोई बातचीत नहीं हो रही है।

पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच होगी बैठक

भारत-अमेरिका के संबंध बहुआयामी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत-अमेरिका के संबंध बहुआयामी हैं। इसने अब गति प्राप्त कर ली है। इसमें गहराई के साथ विविधता है। 

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा है कि भारत में खाद्य सुरक्षा की जरूरतें हमारे लिए काफी अहम हैं। फिर भी हम उन देशों की सहायता करने के लिए तैयार हैं, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। विदेश सचिव का यह बयान भारत द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कुछ समय बाद आया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत में खाद्य सुरक्षा केमद्देनजर लिया गया था। वैश्विक स्तर पर शीर्ष गेहूं उत्पादकों में से एक भारत ने उच्च घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले की कुछ आलोचना भी हुई है।

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