इतिहास बनने वाली है अगले महीने की पहली तारीख, शुरू हो जाएगा रामलला के घर का निर्माण

मंदिर निर्माण के क्रम में एक जून 2022 की तिथि इतिहास में दर्ज होने जा रही है। इसी दिन रामलला के घर (गर्भगृह) के निर्माण के लिए पहली शिला रखी जाएगी। देश-दुनिया के रामभक्तों के लिए यह बहुत बड़ी खुशखबरी है क्योंकि उनका पांच सौ सालों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि (एक जून) को मृगशिरा नक्षत्र व आनंद योग के शुभ मुहूर्त में रामलला के गर्भगृह का निर्माण विधिविधान से पूजन-अर्चन के साथ शुरू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूजन-अर्चन के बाद गर्भगृह की पहली शिला रखेंगे। राममंदिर के ट्रस्टी सहित संत-धर्माचार्य भी इस अवसर के साक्षी बनेंगे।

पांच अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था तो प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रामलला के गर्भगृह के निर्माण का शुभारंभ करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। 11 वैदिक आचार्यों द्वारा विधिविधान पूर्वक पूजन-अर्चन के बाद निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ करवाएंगे। सुबह नौ बजे से शुरू होने वाली पूजन प्रक्रिया दो घंटे तक चलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही टेंट में विराजमान रामलला को अस्थाई मंदिर में विराजित कराया था, अब उनके घर के निर्माण कार्य की प्रक्रिया भी उनके हाथों शुरू होगी। अभी राममंदिर के तीसरे चरण के तहत गर्भगृह के चबूतरे (प्लिंथ) के निर्माण का काम चल रहा है। सात लेयर में बन रहे 21 फिट ऊंचे प्लिंथ की अभी तक पांच लेयर ढाली जा चुकी हैं। हालांकि प्लिंथ के निर्माण काम काम पूरा होने में करीब दो महीने अभी लगेंगे लेकिन ट्रस्ट ने एक जून से गर्भगृह का निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है। 

गर्भगृह स्थल से रामलला के घर के लिए पत्थरों की सेटिंग का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। जिस-जिस दिशा में प्लिंथ का काम पूरा होता जाएगा उस-उस दिशा में गर्भगृह के पत्थर भी लगाए जाते रहेंगे, इस तरह दोनों काम साथ-साथ चलेगा। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि बताया कि प्लिंथ में कुल 17 हजार ग्रेनाइट पत्थर लगने हैं अब तक पांच हजार पत्थर लगाए जा चुके हैं। रिटेनिंग वॉल का भी 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। दिसंबर 2023 तक रामलला का गर्भगृह तैयार करने का हमारा लक्ष्य है, उसी के अनुरूप काम तेजी से चल रहा है। प्लिंथ, रिटेनिंग वॉल व गर्भगृह तीनों का निर्माण कार्य एक साथ चलता रहेगा। अगले माह से गर्भगृह का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

घर बनाने के लिए शुभ माना जाता है मृगशिरा नक्षत्र
मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन से लेकर निर्माण तक के हर चरण का शुभारंभ शुभ तिथियों पर पूजन-अर्चन के बाद ही हुआ है। वास्तु शास्त्र का भी विशेष ध्यान मंदिर निर्माण में रखा जा रहा है। साकेत भवन मंदिर के महंत ज्योतिषी आचार्य प्रवीण बताते हैं कि एक जून को बुधवार पड़ रहा है। सूर्योदय से शाम 7:22 तक पहली जून को द्वितीया तिथि है।

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