सड़क हादसों के मामले में उत्तराखंड, पूरे देश में 23वें स्थान पर है। परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी सड़क हादसों की रिपोर्ट में तमिलनाडु पहले, मध्य प्रदेश दूसरे और यूपी तीसरे स्थान पर

सड़क हादसों के मामले में उत्तराखंड, पूरे देश में 23वें स्थान पर है। परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी सड़क हादसों की रिपोर्ट में तमिलनाडु पहले, मध्य प्रदेश दूसरे और यूपी तीसरे स्थान पर है। उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सड़क हादसे शाम छह बजे से रात नौ बजे के बीच हुए हैं।

मंत्रालय ने वर्ष 2016 से 2020 तक हुए सड़क हादसों की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, उत्तराखंड में 2016 में 1591, 2017 में 1603, 2018 में 1468, 2019 में 1352 और 2020 में 1041 हादसे हुए। देश में उत्तराखंड की रैंक 2016 में 24वीं, 2017 में 16वीं,  2018 में 24वीं, 2019 में 24वीं और 2020 में 23वीं आई है। हिमाचल प्रदेश की रैंक 22वीं है।

इस सूची में सबसे ज्यादा 45,484 हादसों के साथ तमिलनाडु पहले, 45,266 हादसों के साथ मध्य प्रदेश दूसरे और 34,243 हादसों के साथ यूपी तीसरे स्थान पर है। इसी प्रकार, सड़क हादसों में जान गंवाने के मामले में उत्तर प्रदेश पहले, महाराष्ट्र दूसरे और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। इस मामले में उत्तराखंड 22वें और हिमाचल 20वें स्थान पर है।

हेलमेट के बिना हादसों में 19वां स्थान
बिना हेलमेट हुए हादसों के मामले में उत्तराखंड का देश में 19वां स्थान है। जबकि इस मामले में यूपी पहले, महाराष्ट्र दूसरे और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। उत्तराखंड में हुए हादसों में हेलमेट न होने पर दोपहिया संचालक 103 लोगों की मौत हुई और 90 लोग घायल हुए। जबकि दोपहिया वाहन पर बिना हेलमेट पीछे बैठने के मामले में 74 लोगों की मौत हुई और 74 घायल हुए। सीट बेल्ट न पहनने पर हुए हादसों में उत्तराखंड की देश में 18वीं रैंक है। इस मामले में यूपी पहले, एमपी दूसरे और राजस्थान तीसरे नंबर पर है।

शाम छह से नौ के बीच सबसे ज्यादा हादसे
मंत्रालय ने हादसों को समय के हिसाब से भी विश्लेषण किया है। इसके मुताबिक, 2020 में उत्तराखंड में शाम छह बजे से रात नौ बजे के बीच सबसे ज्यादा 198 हादसे हुए। दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे के बीच 188, दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच 185, सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे के बीच 124, रात को नौ बजे से 12 बजे के बीच 119 हादसे हुए। सबसे कम 20 हादसे रात 12 बजे से तीन बजे के बीच हुए।

हेलमेट होने के बाद भी कट सकता है आपका चालान

अभी तक हेलमेट न होने पर चालान कटता था लेकिन अब हेलमेट होने के बाद भी आपका चालान कट सकता है। सड़क परिवहन मंत्रालय का मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194-डी में हुआ बदलाव उत्तराखंड में भी लागू हो गया है।

ताजा नियमों के मुताबिक, हेलमेट का आईएसआई प्रमाणित होना जरूरी है। आपको ऐसा ही हेलमेट पहनना होगा। अगर आप आईएसआई मार्क हेलमेट नहीं पहनते तो आपको एक हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर आपने हेलमेट पहने होने के बावजूद उसे सिर से बांधे रखने वाली बेल्ट टाइट नहीं की है तो सावधान हो जाइए। बिना बेल्ट वाला हेलमेट पहनने पर भी एक हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है। 

बच्चों के लिए विशेष हेलमेट
अब दोपहिया वाहन पर बच्चों को ले जाते समय उनके लिए स्पेशल हेलमेट और हार्नेस बेल्ट का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। यह बेल्ट बच्चों को चलते बाइक-स्कूटर पर गिरने से रोकती है। अगर वाहन पर बच्चों को ले जा रहे हैं तो वाहन 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक ही चला सकते हैं। इससे अधिक स्पीड होने पर एक हजार रुपये जुर्माना और तीन माह के लिए लाइसेंस सस्पेंड हो सकता है।

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