
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री व द्रमुक नेता के. पोनमुदी और उनके सांसद पुत्र गौतम सीगामणि के ठिकानों पर छापे मारे। पिता-पुत्र के ठिकानों पर यह छापेमारी बालू के अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (धन को अवैध रूप से विदेश भेजने) के मामले में हुई है। एजेंसी मंत्री को पूछताछ के लिए रात में अपने कार्यालय में ले गई।
हालांकि, 8 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुदी चेन्नई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय से निकल गए हैं। ईडी ने के. पोनमुदी को कल शाम 4 बजे एजेंसी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है।
सूत्रों के अनुसार, मंत्री के ठिकाने से 70 लाख रुपये नकद और कुछ पाउंड मिले हैं। अधिकारियों ने छापों के संबंध में पिता और पुत्र के बयान दर्ज कर लिए हैं। तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार में 72 वर्षीय पोनमुदी की हैसियत मुख्यमंत्री के बाद नंबर दो की है। परिवहन मंत्री सेंथिल बालाजी के बाद पोनमुदी तमिलनाडु सरकार के दूसरे मंत्री हैं जो केंद्रीय एजेंसी के निशाने पर आए हैं।
ईडी के छापे की कार्रवाई
बालाजी के ठिकानों पर छापेमारी के बाद ईडी ने उन्हें जून में गिरफ्तार किया था। उन्हें नौकरी देने के बदले धन लेने के मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को ईडी के छापे की कार्रवाई चेन्नई के दो ठिकानों और पोनमुदी के प्रभाव वाले विलुपुरम इलाके में हुई। एजेंसी की कार्रवाई में सहयोग के लिए सीआरपीएफ के जवानों की टुकड़ी भी साथ थी।
ईडी ने कुछ दस्तावेज भी किए जब्त
कार्रवाई में ईडी ने कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं। आने वाले दिनों में उनकी जांच की जाएगी। पोनमुदी विलुपुरम जिले की तिरुकोइलूर सीट से विधायक हैं और उनके बेटे सीगामणि कालाकुरिची से सांसद हैं। द्रमुक अध्यक्ष व मुख्यमंत्री स्टालिन ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। कहा है कि ईडी चुनाव अभियान में शामिल हो गया है और उसी के मद्देनजर कार्रवाई कर रहा है।