
पहाड़ों में खराब मौसम से राहत नहीं मिल पा रही है। उत्तराखंड और हिमाचल में शुक्रवार को चार जगह बादल फटने से संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। हिमाचल में शुक्रवार को जहां तीन स्थानों पर बादल फटे। वहीं, उत्तराखंड में पौड़ी के थलीसैंण में बादल फटने से आए मलबे की चपेट में आकर गोशाला और आठ छोटी पुलिया बह गई। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हिमाचल में गुरुवार रात मनाली के अंतर्गत करजां व जगतसुख में बादल फटने से करजां नाले ने भारी तबाही मचाई। जगतसुख के नेहलू नाले का पानी घरों में घुस गया। सड़क बंद होने से रात दो बजे मनाली का कुल्लू से संपर्क कट गया था।
बादल फटने से हारगुनैण पंचायत में भारी नुकसान
शुक्रवार दोपहर 12 बजे लोक निर्माण विभाग ने सड़क बहाल की। इसके अलावा मंडी जिला के जोगेंद्रनगर के वींचकैंप में बादल फटने से हारगुनैण पंचायत में भारी नुकसान हुआ है। पानी के तेज बहाव से नागचला, डिगली सड़क व पुल पर मलबा भरने से यातायात प्रभावित है। नकेहड़ सड़क की पुलिया बह गई। शानन परियोजना परिसर के इर्द-गिर्द कीचड़ फैल गया है। किन्नौर जिला के बड़ा कम्बा में शुक्रवार सुबह गाड़ी पर पत्थर गिरने से राकेश कुमार निवासी बड़ा कंबा की मौत हो गई। गाड़ी में सवार अन्य तीन लोग बाहर सुरक्षित हैं।
उत्तराखंड में फंसे यात्री
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा व भूस्खलन से परेशानी बढ़ाई हुई है। पौड़ी के थलीसैंण में शुक्रवार शाम बादल फटने से आए मलबे की चपेट में आकर गोशाला और आठ छोटी पुलिया बह गई। खेतों को भी मलबे से काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा यमुनोत्री और बदरीनाथ मार्ग कई घंटे बंद रहा। इससे यमनोत्री में दो सौ से अधिक यात्री पड़ावों में फंस गए हैं। राज्य में 85 से अधिक संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हैं। 200 से अधिक गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है।