
केंद्रीय ग्रिड में किल्लत होने की वजह से राज्य में बिजली की मारामारी देखने को मिल रही है। यूपीसीएल रोजाना 30 से 50 लाख यूनिट बिजली बाजार से महंगे दामों पर खरीद रहा है। केंद्र के गैर आवंटित कोटे की भी पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है। अब 400 मेगावाट के लिए कवायद तेज कर दी गई है।
दरअसल, पिछले माह अक्तूबर से बिजली किल्लत की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से 400 मेगावाट बिजली मांगी थी। केंद्रीय मंत्री ने इसे सैद्धांतिक सहमति भी दी थी, लेकिन इसके बाद केंद्रीय ग्रिड में भारी बिजली किल्लत पैदा हो गई।
इसके चलते पूर्व से गैर आवंटित कोटे की बिजली राज्य को पूरी नहीं मिल पा रही। 400 मेगावाट पर भी बात पुख्ता नहीं हुई। यूपीसीएल ने अपने दो अधिकारियों की टीम को दिल्ली भेजा है जो कि सभी संबंधित प्राधिकरण, मंत्रालय से बातचीत करके बिजली उपलब्धता का रास्ता निकाल रहे हैं।