
जहाज-रोधी ब्रह्मोस मिसाइलों को शामिल करने के लिए भारत के साथ एक समझौते के बाद फिलीपींस सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) की मदद से अपने सैन्य विमानों के बेड़े को अपग्रेड करने में रुचि दिखाई है। सूत्रों के अनुसार, एचएएल (HAL) ने अप्रैल में फिलीपीन एयरोस्पेस डेवलपमेंट कारपोरेशन (PADC) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत के लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट (LCU), लाइट काम्बैट हेलीकाप्टर (एलसीएच), एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर (ALH) और लाइट यूटिलिटी हेलीकाप्टर (LUH) का निर्यात कर सकता है। हालांकि इस बारे में बहुत कुछ जून में फिलीपींस के राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर पर निर्भर करेगा।
चीन बन चुका है फिलीपींस के लिए खतरा
फिलीपींस के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन है जो पश्चिमी फिलीपींस सागर पर फिलीपींस की संप्रभुता प्रदान करने वाले मध्यस्थता आदेश को स्वीकार करने से इन्कार करता है। फिलीपींस पश्चिम फिलीपींस सागर को अपना विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) मानता है, लेकिन चीन चाहता है कि वह दक्षिण चीन सागर के हिस्से के रूप में बना रहे जिस पर वह पूर्ण नियंत्रण का दावा करता है। मार्कोस जूनियर ने उनके लिए अपना टास्क कट आउट कर दिया है। उसे या तो पश्चिमी फिलीपींस सागर पर अपने अधिकारों का दावा करने के लिए चीन के रुख का विरोध करना होगा या अपने ही देश में प्रतिशोध का सामना करना पड़ेगा।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से डरता है चीन
फिलीपींस की अधिकांश आबादी दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन की धमकियों के खिलाफ है। बता दें कि अगर कोई एक हथियार है, जिससे चीन सबसे ज्यादा डरता है, तो वह ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे दुनिया में अपने वर्ग में सबसे घातक माना जाता है। चीन ने इसके खिलाफ तब भी आपत्ति जताई थी (राजनयिक रूप से भी) जब भारतीय वायु सेना (आइएएफ) के एसयू-30 एमकेआइ लड़ाकू विमानों को लेकर ब्रह्मोस भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब अरुणाचल प्रदेश में अपग्रेडड एडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स (एएलजी) पर उतरे थे।