
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता करण दलाल ने बुधवार को कहा कि हरियाणा सरकार को अलग से प्रदेश की राजधानी बनानी चाहिए। कुरुक्षेत्र को हरियाणा की राजधानी बनाया जा सकता है, क्योंकि कुरुक्षेत्र एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी है। इसे राजधानी बनाने से विश्व भर में कुरुक्षेत्र की ख्याति फैलेगी। वे कुरुक्षेत्र में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा के निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ 27 हजार एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 11 हजार एकड़ हरियाणा का है। इस 11 हजार एकड़ भूमि का क्लेक्टर रेट से पैसा पंजाब सरकार या केंद्र सरकार हरियाणा को दे ताकि हरियाणा की अलग राजधानी बनाई जा सके। चंडीगढ़ में हरियाणा की हैसियत एक किराएदार जैसी है।
चौधरी बंसीलाल का सपना कुरुक्षेत्र को हरियाणा की राजधानी बनाने का था। बदलते हालात के कारण चौ. बंसीलाल इस कार्य को पूरा नहीं कर पाए। अब समय आ गया है कि इस धार्मिक और ऐतिहासिक शहर को राजधानी बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पहल करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब हरियाणा की अलग से राजधानी होगी तो अपना हाईकोर्ट, अपनी विधानसभा, अपनी पीजीआई, वपना एयरपोर्ट होगा, जिसका आने वाली पीढ़ियों को लाभ होगा। इस मौके पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, कांग्रेस नेता जलेश शर्मा, विवेक मैहता विक्की, मन्नू जैन, गौरव शर्मा गौरी, ईशान शर्मा, शेखर शर्मा मौजूद रहे।
एसवाईएल पर नहीं सरकार का ध्यान
एसवाईएल के मामले पर करण दलाल ने कहा कि पानी के बंटवारे के लिए गठित आयोग की ओर हरियाणा सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही। इस आयोग ने हरियाणा को मिलने वाले सतलुज और रावी के पानी का बंटवारा करना है। आयोग के दफ्तर में बैठे बाबुओं को केवल तनख्वाह दी जा रही है। सुप्रीमकोर्ट ने एसवाईएल को लेकर हरियाणा के हक में फैसला दिया है।