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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर बोले- भारत की कहानियां दुनियाभर के दर्शकों के दिल दिमाग पर कर रहीं राज - The Indian Exposure

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर बोले- भारत की कहानियां दुनियाभर के दर्शकों के दिल दिमाग पर कर रहीं राज

है प्रीत जहां की रीत सदा मैं गीत वहां के गाता हूं…मुकेश के इस हिट गीत के साथ भारत की कहानी कान में पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, हमारे किस्से कहानी पूरी दुनिया के दर्शकों के दिल और दिमाग पर राज करते हैं। अगले पांच वर्षों में भारत श्रेष्ठ गुणवत्ता वाला कंटेंट पेश करने वाले दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों में शुमार होगा।

छह हजार साल पुरानी संस्कृति और 1.3 अरब भारतीयों का प्रतिनिधित्व करते हुए ठाकुर ने कहा, “यह कान फिल्म महोत्सव और भारत फ्रांस के राजनयिक संबंध स्थापित होने की 75वीं वर्षगांठ का साल है। भारत और फ्रांस के रिश्तों को मजबूती देने में कान फिल्म महोत्सव वर्षों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।” उन्होंने कहा, “भारतीय सिनेमा ने वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। हमारे किस्से, कहानी, कंटेंट ने दुनियाभर के दर्शकों के दिलों पर राज किया। हमारे यहां इतनी संभावनाएं हैं कि आज दुनिया के कई निर्माता भारत में अपना ओटीटी प्लेटफार्म लाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, सरकार भी भारत में सह निर्माण को और सुलभ बनाने के कदम उठा रही है। सरकार ऐसी नीतियां तैयार कर रही है, जिससे मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र को 2025 तक हर साल 53 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

मीडिया व मनोरंजन में स्टार्टअप से बदलेगा स्वरूप
ठाकुर ने कहा, मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में भारतीय स्टार्टअप के आने से इसका स्वरूप तेजी से बदलेगा। ये स्टार्टअप अपनी तकनीकी क्षमता से सर्वश्रेष्ठ कंटेंट एनिमेशन के जरिये दुनिया के सामने पेश करेंगे। उन्होंने कहा, कान में भी कई भारतीय स्टार्टअप पहुंच चुके हैं और वे निरंतर बेहतरीन काम कर रहे हैं। 

यूपी-एमपी जैसे प्रदेशों में शूटिंग को मिला बढ़ावा
ठाकुर ने कहा, हमारी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में फिल्म निर्माण और सह निर्माण को बढ़ावा देने के कई कदम उठाए। इसीका नतीजा है कि मुंबई के अलावा अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में फिल्मों की शूटिंग बढ़ी है। इन राज्यों ने फिल्मांकन को लेकर अपनी नीतियां बनाई हैं। यूपी में फिल्मसिटी की घोषणा भी हुई है। इससे आने वाले दिनों में फिल्म निर्माण में विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद है।

रहमान की दो और सात अन्य भारतीय फिल्में कान महोत्सव में मचाएंगी धूम
कान फिल्म महोत्सव में इस बार संगीतकार से निर्देशक बने ऑस्कर विजेता एआर रहमान की दो फिल्मों के साथ सात अन्य भारतीय फिल्में धूम मचाने को तैयार हैं। इनमें से ज्यादातर के निर्देशकों की पहली फिल्में कान के लिए चुनी गई हैं। भारत इस बार कान फिल्म महोत्सव की सह मेजबानी कर रहा है।

इसमें एआर रहमान की बतौर निर्देशक पहली फिल्म ले मस्क, बतौर संगीतकार तमिल फिल्म इराविन निजाल के अलावा रॉकेटरी: द नाम्बी एफेक्ट, गोदावरी, अल्फा बीटा गामा, बूम्बा राइड, धुइन, ट्री फुल ऑफ पैरेट्स और मनिकबाबुर मेघ भी कान महोत्सव में पेश की जाएंगी। अभिनंदन बनर्जी निदेर्शित मनिकबाबुर मेघ की शनिवार को स्क्रीनिंग होगी।

रहमान निर्देशित ले मस्क उनकी पत्नी सायरा के आइडिया पर आधारित है। 36 मिनट की इस अंग्रेजी फिल्म की कहानी एक उत्तराधिकारी और संगीतकार के इर्द गिर्द घूमती है। जो अनाथ होने के दो दशक बाद, उन पुरुषों की तलाश में जाती है जिन्होंने उसका जीवन बदल दिया। अपनी खोज में, वह गंध की स्मृति पर निर्भर करती है। बेहद जटिल तकनीक से तैयार की गई इस फिल्म को पूरा करने में पांच साल का वक्त लगा। इसमें बतौर अभिनेत्री फ्रांस की गायिका नोरा अर्नेजेदर ने काम किया है।

फिल्मी सितारों से अधिक आर्यभट्ट, सुंदर पिचाई के प्रशंसक : माधवन
अभिनेता आर माधवन ने कहा, भारतीय सिनेमा ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की बेहद शानदार कहानियों को नजरअंदाज किया है। जबकि इस क्षेत्र में तमाम बड़ी हस्तियां हैं, जिनके प्रशंसकों की संख्या देश में कुल फिल्मी सितारों और अभिनेताओं को सभी चाहने वालों से बहुत अधिक है।

कान में बृहस्पतिवार को इंडियन फोरम पर चर्चा में माधवन ने कहा कि आर्यभट्ट से लेकर सुंदर पिचाई तक विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऐसे कई बड़े नाम हैं, लेकिन हम इन लोगों पर फिल्में नहीं बना रहे हैं। ये लोग दुनियाभर में युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, फिल्म निर्माता शेखर कपूर, गीतकार व सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी और अमेरिकी पत्रकार स्कॉट रॉक्सबोरो इस चर्चा में शामिल थे। माधवन ने यूपी और मध्य प्रदेश के कुछ युवाओं का जिक्र किया, जिन्होंने नया मेटावर्स शुरू किया है। माधवन ने कहा, ये लोग वेब 3.0 में हैं और हम इस तरह की सफलताओं पर फिल्में नहीं बना रहे हैं।

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