
विधायकों को एक से अधिक पेंशन दिए जाने के मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले से दी जा रही सेवा को बंद करना आसान नहीं है। इसमें कई कानूनी पेचीदगियां हैं। अब इसमें बदलाव की जगह आगे से कुछ किया जा सकता है, इसमें कुछ नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पूर्व विधायकों की एक से अधिक पेंशन बंद करने का जो फैसला लिया है, उसका हरियाणा सरकार अध्ययन करेगी। इसके बाद ही इस मामले पर कुछ कहा जा सकता है।
गौर हो कि इस मामले को आम आदमी पार्टी मुद्दा बना रही है। पंजाब में सरकार ने पूर्व विधायकों की एक से अधिक पेंशन देने पर रोक लगा दी है। साथ ही हरियाणा में भी पूर्व विधायक निर्मल सिंह केवल एक पेंशन लेने की बात कह चुके हैं।
शिकायत आई तो जांच, नहीं तो सांसद को समझाएंगे ऐसे आरोप न लगाए
सांसद अरविंद शर्मा द्वारा रोहतक में 300 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के आरोप पर सीएम ने कहा कि अगर वो कुछ शिकायत देंगे तो इस मामले की जांच कराएंगे। अगर ऐसा नहीं किया तो उनको कहेंगे भविष्य में इस प्रकार के आरोप न लगाएं।
तीन विधायकों ने नहीं भेजी पांच करोड़ ग्रांट की मांग
विधायकों को मिलने वाली पांच करोड़ रुपये की ग्रांट को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे हमले का जवाब देते हुए यहां हरियाणा निवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट किया कि यह राशि एक प्लान में दी जाती है, न कि हर साल। विपक्ष की ओर से पांच करोड़ की राशि न मिलने का कई बार मुद्दा उठाया जा चुका है लेकिन तीन विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने आज तक पांच करोड़ की ग्रांट के लिए कोई मांग नहीं दी है।
इनमें बेरी से रघुवीर कादियान, रेवाड़ी से चिरंजीव राव और चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान शामिल हैं। एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि जिन विधायकों की विकास कार्यों से संबंधित डिमांड आई है, उन्हें तुरंत राशि मुहैया करवाई जा रही है। विकास कार्यों की डिमांड के बिना कोई राशि नहीं दी जाती है।
पांच करोड़ के विकास कार्यों की मांग लगातार सरकार के पास आ रही है। 22 विधायक ऐसे हैं, जिनकी डिमांड पांच करोड़ से ज्यादा तकरीबन 5.84 करोड़ है, जबकि 10 विधायकों ने 4.75 करोड़ तक की मांग भेजी है। इसके साथ ही 32 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने साढ़े चार करोड़ और 23 विधायक ऐसे हैं जिनकी डिमांड तीन करोड़ तक है।