
रविवार रात एकाएक मौसम का मिजाज बदल गया। धूल भरी आंधी चलने के साथ ही कई जगह गरज-चमक के साथ बारिश हुई। इससे कहीं पेड़ तो कहीं पोल, टीनशेड, छप्पर आदि धराशाई हो गये। बहराइच में खराब मौसम के दौरान दीवार ढहने से चार लोगों की मौत हो गई जबकि पोल गिरने व तार टूटने से लाखों की आबादी को बिजली संकट का सामना करना पड़ा। मरने वालों में लखीमपुर खीरी के पिता-पुत्र शामिल हैं। बहराइच में भी एक महिला और बुजुर्ग की मौत हुई है।
बहराइच के मोतीपुर थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत खैरी समैसा में शनिवार देर रात आई तेज आंधी में एक घर की कच्ची दीवार ढह गई। इससे घर में सो रही नसीर की पत्नी हमीदुल (32) की मलबे में दबकर मौत हो गई। वहीं, खैरीघाट थाना क्षेत्र के एडुकहा गांव में आंधी के दौरान पक्की दीवार ढहने से बुजुर्ग नान्हू (65) की मलबे में दबने से मौत हो गई। तेज आंधी से सैकड़ों पेड़ के साथ ही दर्जनों बिजली के पोल धराशायी हो गये। नवाबगंज-बहराइच मार्ग के किनारे नौबस्ता और रामनगर के पास तेज हवा में हाईटेंशन लाइन के चार पोल टूट गये। इससे सैकड़ों गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। फखरपुर क्षेत्र में तेज आंधी से केले की फसल नष्ट हो गई।
सीतापुर में भी शनिवार देर रात आंधी व बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इससे जिला अस्पताल समेत करीब 600 गांवों में बिजली गुल होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई जगह पेड़ व बिजली के पोल गिरने से आवागमन भी प्रभावित हुआ। बिसवां इलाके में एक घर की दीवार गिरने से दस लोग मलबे में दबकर घायल हो गये। इनमें से दो को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर लखनऊ रेफर किया गया है।
रायबरेली में शनिवार रात तेज आंधी आने से करीब 250 पोल गिर गये। इससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई। शहर में तो रात में बिजली आपूर्ति शुरू हो गई, लेकिन गांव अंधेरे में डूबे रहे। कहीं सुबह बिजली आई तो कहीं दोपहर बाद बिजली आपूर्ति सुचारु हो सकी। मगर करीब दो सौ गांवों की बिजली देर शाम तक गुल रही।
अंबेडकरनगर में शनिवार देर रात तेज आंधी से जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाके में बिजली गुल हो गई। बिजली व्यवस्था पटरी पर लौटने में 12 घंटे से अधिक समय लग गया। इससे लाखों लोगों को बिना बिजली के रात काटनी पड़ी।
बलरामपुर में शनिवार देर रात तेज आंधी आने से कहीं पेड़े तो कहीं बिजली के पोल व तार टूट गये। इससे बिजली गुल हो गई। कई मार्गों पर आवागमन भी प्रभावित हुआ। वहीं, आंधी से कई जगह छप्पर व टीनशेड भी उड़ गये। कुछ देर बारिश के साथ ओले भी गिरे। इससे तापमान गिरने से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। बारिश से गन्ने व जायद की फसल को लाभ हुआ मगर आम की फसल को नुकसान हुआ है। रविवार को भी मौसम सुहाना बना रहा।
श्रावस्ती में शनिवार को दिनभर सामान्य रहा मौसम शनिवार देर रात एकाएक बदल गया। धूल भरी आंधी के बाद झमाझम बारिश हुई। इससे मौसम का पारा कुछ नर्म पड़ा। मगर तेज आंधी से पोल व तार टूटने से दर्जनों गांवों की बिजली गुल हो गई। आंधी व बारिश से जहां आम की फसल को नुकसान पहुंचा। वहीं, जायद सहित सब्जियों की फसलों को फायदा मिला। खेतों में नमी देख किसानों ने भी धान की नर्सरी डालने के लिए खेतों की जुताई शुरू कर दी है।