मंकीपाक्स के लक्ष्ण वाले मरीजों को पृथक-वास में रखा जाए: केंद्र सरकार

Monkey Pox

कोरोना के बाद अब मंकीपाक्स बीमारी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नजर विदेश से आने वाले लोगों पर है। खासकर उन देशों से आने वाले लोगों पर जहां यह बीमारी फैल रही है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि वे अस्पतालों को निर्देश दें कि मंकीपाक्स से संक्रमित या मंकीपाक्स के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्ति को तुरंत पृथक-वास (आइसोलेशन वार्ड) में भर्ती किया जाए।

सूत्रों के मुताबिक, अभी तक कनाडा से आए सिर्फ एक यात्री में मंकीपाक्स के संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं, जिन्हें आइसोलेट किया गया है। हालांकि, पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (NIV) में किए गए परीक्षण के बाद यात्री से एकत्र किए गए नमूने संक्रमण के लिए नकारात्मक (Tested Negative)निकले।

मंकीपाक्स संक्रमित देशों से आए लोगों की हो स्क्रीनिंग

सूत्रों ने उस हवाईअड्डे का नाम बताने से परहेज किया जहां यात्री उतरा था। मंत्रालय ने हाल ही में हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर स्वास्थ्य अधिकारियों से निगरानी बढ़ाने और मंकीपाक्स प्रभावित देशों के रोगसूचक यात्रियों को अलग करने और उनके नमूने जांच के लिए एनआईवी (NIV) को भेजने के लिए कहा गया था।

बता दें कि इनक्यूबेशन अवधि यानी (वो समय जब बीमारी के लक्षणों का पता ना चले) आमतौर पर 7-14 दिनों की होती है, लेकिन यह 5 से लेकर 21 दिनों तक भी हो सकती है। अधिकारी के मुताबिक, इस जांच का उद्देश्य उन व्यक्तियों का पता लगाना है जो लक्षणों की कमी के कारण हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग के दौरान छूट गए थे।

बता दें कि ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, कनाडा और अमेरिका सहित अन्य देशों से मंकीपाक्स के मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय, इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (NCDC) के सहयोग से मंकीपाक्स के इलाज और रोकथाम के लिए व्यापक दिशा-निर्देश तैयार कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471