
हरियाणा के साथ यमुना नदी में पानी छोड़ने का ताजा विवाद नहीं सुलझ सका है। हरियाणा के हठ के कारण दिल्ली में जल संकट गहरा गया है। प्रचंड गर्मी में हरियाणा के लोग दिल्लीवालों के हिस्से का पानी पी रहे हैं।
नतीजतन, वजीराबाद बैराज में जलस्तर करीब एक महीने से छह फिट नीचे बना हुआ है। अब तक बैराज में सामान्य जलस्तर 674.50 फीट रहता था। पानी की कमी के कारण वर्तमान में 668.30 फीट पर स्थिर हो गया है।
12 मई से हरियाणा से यमुना नदी में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। इसका असर वजीराबाद बैराज पर साफ नजर आ रहा है। बैराज का सामान्य जलस्तर 674.50 फीट से गिरकर 668.30 फीट पर स्थिर हो गया है। उधर, हरियाणा कई बार स्पष्टीकरण दे चुका है कि उसने पानी छोड़ने में कोई कटौती नहीं की है और वह पर्याप्त पानी छोड़ रहा है, लेकिन हकीकत साफ नजर आ रही है।
हरियाणा के इस रुख से यमुना के लिए अधिक पानी मिलना मुश्किल लग रहा है। जानकारों का मानना है कि बैराज के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में नई दिल्ली समेत करीब 30 करीब प्रतिशत दिल्लीवासियों को गर्मी के मौसम में इस बार की तरह हर साल पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
दूसरे राज्यों पर निर्भर है दिल्ली
दिल्ली के पास पानी का अपना कोई स्रोत नहीं है। वह पानी के मामले में पूरी तरह से दूसरे राज्यों पर निर्भर है। इस कारण दिल्ली में पानी की आपूर्ति और मांग के बीच निरंतर अंतर रहता है। दिल्ली में पानी की मांग करीब 1150 एमजीडी है और दिल्ली जल बोर्ड से करीब 990 एमजीडी पानी की आपूर्ति हो रही है। पानी की मांग एवं आपूर्ति में 160 एमजीडी का अंतर है। दिल्ली जल बोर्ड अपने नौ संयंत्रों, ट्यूबवेलों, रैनीवाल से 900 एमजीडी पेयजल आपूर्ति करता है। वजीराबाद, चंद्रावल व ओखला संयंत्र को यमुना नदी से कच्चा पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि हैदरपुर, नांगलोई, द्वारका व बवाना संयंत्र को मुनक नहर से भी कच्चा पानी मिलता है।
इन इलाकों में ज्यादा परेशानी
नई दिल्ली, सिविल लाइन, हिंदू राव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़ गंज, राजेंदर नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रहलादपुर, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी, दिल्ली छावनी और आसपास के क्षेत्रों में 12 मई से पेेयजल संकट बना हुआ है।
राजधानी के 70 प्रतिशत हिस्से में जल संकट
वजीराबाद बैराज से दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधक संयंत्र जुड़े हुए है। इन तीनों संयंत्रों से करीब 250 एमजीडी पानी की आपूर्ति नई दिल्ली, उत्तरी दिल्ली के तमाम इलाकों के समेत दिल्ली के करीब 30 प्रतिशत इलाकों में की जाती है। हरियाणा से पर्याप्त पानी नहीं आने के कारण इन इलाकों में पेयजल संकट खड़ा हो गया है।
हालांकि दिल्ली जल बोर्ड इन इलाकों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए मुनक नहर से जुड़े हैदरपुर, नांगलोई, बवाना एवं द्वारका जल शोधक संयंत्रों के पानी में कटौती करके उसे वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधक संयंत्र में पहुंचा रहा है, लेकिन जल बोर्ड के इस कदम से वजीराबाद व चंद्रावल संयंत्रों से जुड़े इलाकों को कोई खास राहत नहीं मिल पाई है। वहीं, हैदरपुर, नांगलोई, बवाना एवं द्वारका संयंत्रों से जुड़े इलाकों में भी पानी की किल्ल्त हो गई है।