दिल्ली में 24 घंटे नल से साफ जल, साफ हवा और विश्व स्तरीय सड़क बनाने में डेनमार्क के साथ हो सकती है पहल

दिल्ली में 24 घंटे नल से साफ जल, साफ हवा और विश्व स्तरीय सड़कें मुहैया करने के लिए केजरीवाल सरकार डेनमार्क के साथ मिलकर काम करेगी। डेनमार्क के राजदूत फ्रेड्डी स्वेन ने शुक्रवार को रदिल्ली सचिवालय में सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात में वायु प्रदूषण, भूजल रिचार्ज और विश्व स्तरीय सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने इन विषयों पर डेनमार्क में किए गए प्रयासों की एक प्रस्तुति पेश करने को कहा, जिसपर राजदूत ने सहमति जताई। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि दिल्ली की सड़कें विश्वस्तरीय हों। दिल्ली में यूरोप की तर्ज पर 500 किमी. लंबी सड़क के री-डिजाइन पर कर रहे काम हैं। इसके लिए सड़कों को यूरोपीय देशों के मानकों के मुताबिक बना रहे हैं। हम डेनमार्क के साथ सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए कार्य कर सकते हैं। 

डेनमार्क के राजदूत फ्रेड्डी स्वेन ने केजरीवाल सरकार की तरफ से दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए ईवी पॉलिसी को खूब सराहा। दिल्ली सरकार की ई-ऑटो परियोजना की तारीफ करते हुए ई-ऑटो को चलाने का अनुभव भी लिया है। इस मौके पर दौरान उपमुख्यमत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे।

डेनमार्क के राजदूत ने बताया कि भूजल रिचार्ज के लिहाज से उन्होंने उत्कृष्ट तकनीक पर आधारित कार्य किए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसपर हामी भरते हुए कहा कि भूजल रिचार्ज दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं। दिल्ली में बारिश के पानी को ग्राउंड वाटर रिचार्ज में इस्तेमाल करने की काफी संभावना है। इससे दिल्ली में पानी की जरूरतें भी पूरी की जा सकती हैं। 

दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रहे हैं, 12 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक- सिसोदिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हमारी सरकार पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रहे है और इसके लिए हमने ईवी पॉलिसी भी लागू की है।

सिसोदिया ने कहा कि ईवी पॉलिसी के अच्छे नतीजे भी सामने आ रहे हैं। अब दिल्ली में नए खरीदे जाने वाले कुल वाहनों में से 12 फीसदी से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हो रहे हैं। राजदूत ने कहा कि मैंने दिल्ली में ई-ऑटो को भी देखा है। यह अच्छी पहल है और इससे वायु प्रदूषण नियंत्रण में काफी सहायता भी मिलेगी। 

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