
आईटीओ से दक्षिण दिल्ली और नोएडा आना-जाना और आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री रविवार को प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग समेत पांच अंडरपास राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर वह एक सभा को भी संबोधित करेंगे।
यह एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर प्रगति मैदान पुनर्विकास परियोजना का अभिन्न हिस्सा है। केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित प्रगति मैदान इंटिग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की निर्माण लागत 920 करोड़ रुपये हैं।
इसका लक्ष्य प्रगति मैदान में विकसित हो रहे, नए विश्वस्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक लोगों की निर्बाध पहुंच को सुनिश्चित करना है। इसका लाभ मैदान में आने वाले दर्शकों , मेहमानों और भागीदारों को होगा। यह परियोजना प्रगति मैदान के साथ ही पूर्वी से मध्य दिल्ली आने की राह को भी आसान करेगा। इस लिहाज से इस परियोजना का प्रभाव प्रगति मैदान से बहुत आगे तक है, क्योंकि यह इस पूरे इलाके में वाहनों की आवाजाही को आसानी को सुनिश्चित करेगा।
6 लेन में विभाजित सुरंग में कई रास्ते : इसमें मुख्य सुरंग प्रगति मैदान से गुजरने वाली पुराना किला रोड के माध्यम से इंडिया गेट से जुड़ेगी। 6 लेन में विभाजित सुरंग के कई रास्ते होंगे, इसमें प्रगति मैदान की भूमिगत पार्किंग तक पहुंच भी शामिल है। सुरंग की खास बात यह है कि इसमें प्रगति मैदान के दोनों ओर से यातायात की आवाजाही की सुविधा होगी।
मुख्य सड़क के नीचे दो प्रमुख सुरंगों का निर्माण किया गया है। यह रास्ते पर्यावरण अनुकूल, स्मार्ट प्रबंधन के साथ आधुनिक डिजिटल रूप से नियंत्रित होंगे। इसमें अत्याधुनिक घोषणा प्रणाली, निगरानी प्रणाली यातायात सुविधाएं भी हैं। इससे भैरों मार्ग पर लंबे समय से यातायात का दबाव कम करने में मदद मिलेगी।
1.2 किमी लंबी है सुरंग
दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी ने प्रगति मैदान टनल रोड व मथुरा रोड सिग्नल फ्री योजना का कार्य पूरा कर दिया। साथ ही पीडब्ल्यूडी ने इस योजना को आईटीपीओ को सौंप दिया है। प्रगति मैदान में 1.2 किमी लंबी सुरंग बनाई गई है। टनल में स्मार्ट लाइटिंग व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रदूषण दूर करने के लिए जर्मनी निर्मित एग्जास्ट फैन लगाए हैं। निगरानी रखने के लिए कैमरे लगाए हैं।
प्रोजेक्ट पर एक नजर : 2017 में शुरू हुआ प्रोजेक्ट पर काम। 2019 तक होना था पूरा। कोरोना, प्रदूषण समेत कई वजहों से हुई देरी। इस महीने के आखिर तक खुलने की उम्मीद। 920 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान। सिविल का काम 342 करोड़ रुपये। सेवाओं को शिफ्ट करने में खर्च हुए 82.14 करोड़ व रेलवे को दिए 5.10 करोड़। दिनभर में आईटीओ से 90 हजार वाहन व भैरो मार्ग से 60 हजार वाहन गुजरते हैं।
टनल और अंडरपास की खास बातें : टनल भैरो रोड के समानांतर होगी, जिससे जाम से निजात मिलेगी। टनल में रोशनी के लिए एलईडी लाइटें लगाईं गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के पास भूमिगत यू-टर्न बनाया गया है। इससे भैरो मार्ग व सुंदर नगर की तरफ ट्रैफिक जाएगा। यू-टर्न से प्रगति मैदान पार्किंग स्थल जाने की तरफ भी रास्ता है। भगवान दास रोड से सराय काले खां जाने वाला ट्रैफिक भी इस यू-टर्न से भैरो मार्ग जा सकेगा। भगवान दास रोड से भोगल, जंगपुरा जाने वाला ट्रैफिक यू-टर्न से मथुरा रोड पर जा सकेगा। टनल पुराना किले के पास नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया से शुरू होगी और रिंग रोड पर प्रगति थर्मल पावर स्टेशन पर खत्म होगी।