
एक फोटोकॉपी मशीन ने एसआईटी जांच की रफ्तार थाम रखी है। वजह उसका खराब होना नहीं बल्कि उस पर काम का दबाव है। यही वजह है कि 748 विकास कार्यों की जांच के लिए विभाग दो साल में हुए कार्यों की 21 हजार पेज की सूची भी जांच टीम को मुहैया नहीं करा पा रहा है।
जिला पंचायत में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर इसी साल 16 मार्च को डीआईजी सीबीसीआईडी एनएस नपलच्याल ने एसआईटी को चार अलग-अलग टीमों में बांट कर जांच की जिम्मेदारी दी थी, जिन्हें स्थलीय निरीक्षण भी करना था। तब जांच जल्द पूरी किए जाने की बात भी कही गई थी।
एसआईटी ने जिला पंचायत से बीते दो वर्षों में किए गए विकास कार्यों की सूची उपलब्ध कराने को कहा था, लेकिन पांच माह बाद भी जिला पंचायत सूची नहीं दे पाई। बताया जा रहा है कि जिला पंचायत के करीब 748 कार्यों की जांच होनी है। इन कार्यों के करीब 21 हजार से अधिक पेज हैं। जिला पंचायत के पास फोटो स्टेट मशीन एक ही है। इन पेजों की फोटोकॉपी कराने में समय लग रहा है।
जांच के लिए बनाई गई थी जंबो टीम
जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए एसआईटी की जंबो टीम बनाई गई थी। पूर्व में सीबीसीआईडी के डीआईजी एनएस नपलच्याल टीम का नेतृत्व कर रहे थे। अब यह जिम्मेदारी डीआईजी पी रेणुका देवी को दी गई है। टीम में एसपी उत्तरकाशी, एसपी सीबीसीआईडी लोकजीत सिंह, सीओ बड़कोट सुरेंद्र सिंह भंडारी सहित चार एसआई व 8 कांस्टेबल भी शामिल किए गए थे। जांच के दौरान तकनीकी पक्ष के लिए एकाउंटेड, ऑडिटर व अभियंताओं को भी शामिल किए जाने की बात कही गई थी।