शिकंजा : अभिनेता विजय बाबू की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, दुष्कर्म-यौन शोषण के आरोपों में घिरे हैं केरल के दो एक्टर

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केरल के दो फिल्मी अभिनेताओं पर मंगलवार को कानून की देवी ने अपनी तलवार चलाई।  दुष्कर्म के आरोपी विजय बाबू को हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने बुधवार को सुनवाई रखी है। वहीं, अभिनेत्री के शोषण के दिलीप से जुड़े मामले एक मेमोरी कार्ड की फॉरेंसिक जांच रोकने का निचली अदालत का निर्णय पलट दिया।

विजय ने फेसबुक पर पीड़िता का नाम सार्वजनिक किया
विजय को केरल हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केरल सरकार के वकील जयदीप गुप्ता ने तत्काल सुनवाई का निवेदन किया। उन्होंने बताया, हाईकोर्ट ने दुबई और जॉर्जिया भागते फिर रहे विजय को अग्रिम जमानत दे दी थी, वह भारत भी तब लौटा, जब सरकार उसका पासपोर्ट जब्त कर रही थी।

दुष्कर्म पीड़िता ने भी याचिका दायर कर बताया कि विजय फेसबुक पर लाइव आकर उसका नाम सार्वजनिक कर चुका है, जो गैरकानूनी है। जितने दिन वह जेल से बाहर रहेगा, उसे खतरा रहेगा। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी ने बुधवार को सुनवाई की सहमति दी। दूसरी ओर, आरोप लगने के बाद भागे विजय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ।

  • 22 जून को केरल हाईकोर्ट ने जमानत देते समय उसे जांच में सहयोग के लिए कहा, तो वह एर्नाकुलम के साउथ पुलिस स्टेशन आने लगा। इस बीच, मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (एएमएमए) ने अदालत के आदेश के आधार पर विजय पर कार्रवाई की बात कही।
  • खुद विजय ने एएमएमए की कार्यकारी समिति से इस्तीफा दे दिया।

दिलीप पर अभिनेत्री से कार में शोषण का आरोप
दक्षिण भारतीय अभिनेत्री की कार में कुछ लोग घुस गए थे, उन्होंने 2 घंटे तक अभिनेत्री का शोषण किया, ब्लैकमेल करने के लिए वीडियो बनाए। मेमोरी कार्ड इसी से संबंधित है। हमलावर भीड़ भरे क्षेत्र में कार से निकलकर भाग गए थे। अभिनेता दिलीप सहित 10 लोग मामले में आरोपी हैं। उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत मिल गई।

भले फॉरेंसिक जांच में कुछ न मिले, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया के लिए यह जरूरी : केरल हाईकोर्ट
अभिनेत्री से 2017 में हुए शोषण मामले में केरल हाईकोर्ट ने निचली अदालत का निर्णय पलटा और मोबाइल फोन के मेमोरी कार्ड की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया। पीड़ित व सरकार की फॉरेंसिक जांच की मांग निचली अदालत ने 9 मई को नकार दी थी।

इसके खिलाफ दायर याचिका पर दिलीप के वकीलों ने कहा कि निचली अदालत की छवि बिगाड़ी जा रही है, फॉरेंसिक जांच में कुछ नहीं मिलेगा। जस्टिस बेचु कुरियन थॉमस ने आपत्ति को नकार दिया और कहा कि भले जांच में कुछ न मिले, लेकिन हैश वैल्यू में बदलाव कैसे हुए, यह भी जानना जरूरी है।

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