
भोपाल समेत आधे से ज्यादा मध्यप्रदेश में जोरदार बारिश हो रही है। इनमें भी सबसे ज्यादा चार जिलों यानि भोपाल, छिंदवाड़ा, हरदा और श्योपुर में हुई है। इन जिलों में कोटे से दोगुनी बारिश हो चुकी है। भोपाल में सोमवार को 5 घंटे में सबसे ज्यादा सवा तीन इंच बारिश हुई। इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में भी कोटे से ज्यादा बारिश हुई। इससे पहले छिंदवाड़ा के सौंसर में सबसे ज्यादा 9 इंच बारिश हुई। श्योपुर में सड़कों पर पानी भर गया।
भोपाल में सबसे ज्यादा बारिश क्यों
भोपाल में अभी तक कोटे से करीब दोगुनी बारिश हो चुकी है। सामान्य तौर पर अब तक औसत 10 इंच पानी गिरना चाहिए, जबकि 19 इंच तक बारिश हो चुकी है। इसका कारण मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति है। दरअसल सेंटर में होने के कारण भोपाल पर दोनों तरफ से बंगाल और अरब सागर से आने वाले सिस्टम से बारिश होती है। इसका मतलब बारिश कहीं से भी एंट्री करे, उसका सीधा असर भोपाल पर ही पड़ता है। यही कारण है कि भोपाल में बीते 48 घंटों में सबसे ज्यादा करीब 11 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।
मालवा-निमाड़ आधा भीगा, आधा सूखा
मध्यप्रदेश में बारिश की एंट्री सबसे पहले बैतूल और खंडवा के रास्ते हुई। ऐसा लगा कि जैसे इस बार सबसे ज्यादा बारिश यहीं होगी, लेकिन मानसून ने फिर करवट ली। फिर यही इलाके बारिश के लिए तरसने लगे। इंदौर, उज्जैन और खंडवा में तो राहत की बारिश हो गई, लेकिन गुजरात से सटे झाबुआ, धार, अलीराजपुर, बड़वानी और खरगोन में सूखे के हालात बने हैं। इसके अलावा भी कई इलाकों में सामान्य से कम बारिश ने चिंता बढ़ा दी है।