
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से रविवार को राजस्व लेखपाल भर्ती की मुख्य परीक्षा सुबह 10 से 12 बजे के बीच जिले के 85 केंद्रों पर आयोजित हुई। मुख्यालय के इनपुट पर कानपुर एसटीएफ यूनिट ने शहर में शातिर मुन्नाभाई खोज निकाले।
कानपुर में लेखपाल भर्ती परीक्षा में रविवार को बड़े पैमाने पर सेंधमारी हुई। शहर के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों से सात मुन्ना भाई दबोचे गए। ब्लूटूथ की मदद से ये सभी नकल कर रहे थे। एसटीएफ कानपुर यूनिट ने मुख्यालय के इनपुट पर कार्रवाई की। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी अभ्यर्थी हैं। सॉल्वर फोन कॉल के जरिये इनको नकल करवा रहे थे। एसटीएफ की टीम इनसे पूछताछ करने में जुटी है।
एसटीएफ मुख्यालय के इनपुट पर सबसे पहले वाराणसी और प्रयागराज में कार्रवाई शुरू हुई। वहां पर पकड़े गए सॉल्वरों से कानपुर संबंधी इनपुट मिला, जिसके बाद एसटीएफ कानपुर यूनिट ने अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर दबिश देकर जय सिंह पटेल, रणविजय, जितेंद्र सिंह, रवि कुमार, सौरभ, अजीत और करन पटेल को गिरफ्तार किया।
उनके पास से ब्लूटूथ व एक अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी बरामद किए। पूछताछ में अभ्यर्थियों ने नकल करने की पूरी बात कबूली। किस तरह से वह इसमें शामिल हुए और कौन-कौन इसके पीछे हैं, इस बारे में भी जानकारी दी। एसटीएफ उनके इनपुट पर आगे की कार्रवाई करने में जुटी है।
दो अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र में हो चुके थे दाखिल
एसटीएफ के मुताबिक सूचना मिलने के बाद संबंधित केंद्रों पर दबिश शुरू की गई। इस दौरान गोविंद नगर से जय सिंह व रणविजय को परीक्षा केंद्र के भीतर से पकड़ा। जितेंद्र, रवि, सौरभ, अजीत व करन भीतर दाखिल होने वाले ही थे कि उसके पहले ही टीम ने उनको दबोच लिया। जो दो मुन्ना भाई भीतर दाखिल हुए थे वह वहां की चेकिंग पार कर चुके थे। अगर गिरोह पकड़ा न जाता तो वह आसानी से परीक्षा देकर निकल जाते।
इंटरनेट कॉल के जरिये होती बात
इंटरनेट कॉल के जरिये सभी अभ्यर्थी सॉल्वर के संपर्क में थे। डिवाइस में कोई भी स्पीकर नहीं लगा था। इस वजह से उसमें कोई आवाज नहीं थी। ब्लूटूथ भी बहुत छोटा था जो कान में इस तरह से लगा हुआ था कि कोई समझ ही नहीं सका। इंटरनेट कॉल इसलिए की गई थी, जिससे सॉल्वर व अभ्यर्थी का कनेक्शन जांच एजेंसियां न पकड़ पाएं लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इस तरह शहर में मुन्नाभाई तक पहुंची एसटीएफ
एसटीएफ मेरठ यूनिट ने संदीप कुमार की जगह पर सॉल्वर मोहित को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पूरे नेटवर्क की जानकारी हुई। मेरठ एसटीएफ के अफसरों ने जानकारी मुख्यालय के अफसरों से साझा की, जहां से संबंधित जिलों की यूनिट को जानकारी दी गई।