
राजस्थान, गुजरात और पंजाब के बाद अब जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में लंपी वायरस की आहट सुनाई देने लगी है। बीमारी के सैकड़ों संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इसके मद्देनजर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों से पशु लाने पर पंद्रह दिन के लिए रोक लगा दी है।
जम्मू जिला में आरएस पुरा, अरनिया, ज्यौड़ियां, अखनूर और कठुआ व सांबा जिले में इस संदिग्ध बीमारी से ग्रस्त पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। जिला जम्मू में ही 1500 संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं। अभी तक 90 के करीब पशु मर चुके हैं। दवा देने पर छह सौ मामलों में पशुओं की हालत में सुधार हुआ है। वहीं, कठुआ में 18 मामले बताए जा रहे हैं। विभाग ने जम्मू जिले से 150 मामलों के सेंपल जालंधर स्थित लैब में जांच के लिए भेजे हैं। जांच के बाद ही प्रदेश में बीमारी की पुष्टि हो पाएगी।
मौजूदा समय में संदिग्ध बीमारी फैलने के बाद पशु पालन विभाग ने टीमों को प्रभावित इलाकों में भेज दिया है। अब जहां पर नए मामले सामने आ रहे हैं। वहां टीमें आसपास के इलाकों में पशुओं का टीकाकरण और दवाइयां मुहैया करवा रही हैं। विभाग के अनुसार पंजाब में इस तरह के मामले देखे गए हैं। पंजाब से प्रदेश में बीमारी ने सीमावर्ती इलाकों में दस्तक दी। अब मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है।
पशुपालकों को टीमें शिविरों के माध्यम से जागरूक भी कर रही हैं। साथ पोस्टर भी वितरित किए जा रहे हैं। पशुपालकों को भी पशुओं की रूटीन में देखभाल करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
रोज 100 पशु बाहरी राज्यों से लाए जाते हैं
जम्मू-कश्मीर में रोजाना औसतन सौ पशु बाहरी राज्यों से लाए जाते हैं। लखनपुर में रिंडर पेस्ट चेक पोस्ट को पाबंदी के निर्देश जारी हो गए हैं। जिला मुख्य पशुपालन अधिकारी परविंदर सिंह ने कहा कि अगले पंद्रह दिन के लिए दूसरे राज्यों से पशुओं को प्रवेश न देने की एडवाइजरी जारी की गई है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
क्या है लक्षण
संदिग्ध मामलों में पशुओं के शरीर में गांठें बन रही हैं। इसके अलावा पशुओं में बुखार के लक्षण भी मिल रहे हैं। बीमार होने पर पशु चारा नहीं खा पा रहे हैं।