भैंसों में लंपी के लक्षणों ने बढ़ाई चिंता, हरियाणा सरकार ने केंद्रीय मंत्री को सौंपी रिपोर्ट

Animal disease

गायों में फैल रहे लंपी चरमरोग ने पशुपालकों की चिंता और बढ़ा दी है। अब भैसों में भी इस बीमारी के लक्षण मिले हैं। हरियाणा पशुपालन विभाग ने लंपी के लक्षण वाली सात जिलों में 34 भैंसों को चिह्नित किया है। सिरसा में 19, अंबाला 4, कुरुक्षेत्र 4, पंचकूला 3, भिवानी 2 और कैथल-करनाल में 1-1 भैंस में लंपी के लक्षण मिलने पर सैंपल भोपाल संस्थान में भेजे हैं। 

हरियाणा सरकार ने यह रिपोर्ट मंगलवार को केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला को सौंपी है। केंद्रीय मंत्री लंपी की स्थिति और इससे निपटने के कार्यों की चंडीगढ़ में हुई समीक्षा बैठक में पहुंचे थे। 

बैठक में हरियाणा के पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने दवा की उपलब्धता और सभी राज्यों के लिए दवा के समान रेट का मुद्दा रखा। इस पर रूपाला ने कहा कि लंपी चरमरोग की रोकथाम के लिए प्रभावित राज्यों को दवा की कमी नहीं रहने दी जाएगी। दवा की उपलब्धता और रेट को लेकर केंद्र सरकार दखल देगी। सभी राज्यों को समान भाव में पर्याप्त दवा मुहैया कराई जाएगी। केंद्र सरकार दवा निर्माता कंपनियों से संपर्क में है और कंपनियों ने दवा उत्पादन बढ़ा दिया है।

टीकाकरण पर रहेगा जोर
बैठक के बाद रूपाला ने कहा कि लंपी से निपटने के लिए दो प्रकार की रणनीति बनाई गई है। पहला प्रयास है कि जो पशु इस बीमारी से बचे हैं उनका टीकाकरण हो। दूसरा, प्रभावित पशुओं को अलग रखा जाए। रूपाला ने कहा कि जिन जिलों में लंपी से पीड़ित पशु हैं वहां सबसे पहले वैक्सीनेशन करवाया जाए, ताकि दूसरे जिलों में इस बीमारी का फैलाव रोका जा सके। बेसहारा पशुओं का भी टीकाकरण कराया जाएगा। इसके लिए सभी राज्यों को गाइडलाइन जारी की गई है। वहीं, जेपी दलाल ने कहा कि  केंद्र सरकार के वैज्ञानिकों व हरियाणा सरकार के वैज्ञानिकों की मदद से लगातार लंपी की रोकथाम को लेकर योजना तैयार की जा रही है। 

लंपी की चपेट में प्रदेश के 14 जिले
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 14 जिलों के लंपी बीमारी फैल चुकी है। 87 गायों की मौत हो चुकी है। आठ जिले चरखी-दादरी, गुरुग्राम, झज्जर, मेवात, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत में पशु अभी इस बीमारी से बचे हैं। 1479 गांवों में लंपी की चपेट में आए 17440 पशुओं में से 7777 ठीक हो चुके हैं। 9663 पशुओं का अभी इलाज चल रहा है। प्रदेश में 71.26 लाख पशु हैं। इनमें से 43.77 लाख भैंस और 19.32 लाख गोवंश हैं।

सबसे अधिक प्रभावित यमुनानगर, फिर भी दवा नहीं पहुंची
 प्रदेश के सभी 18 जिलों में गॉट पाक्स दवा का वितरण किया जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, चरखीदादरी, नूंह, पलवल और यमुनानगर में दवा नहीं भेजी गई है। दवा न पहुंचने के कारण लंपी से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले यमुनानगर में चिंता बढ़ गई है। 

कहां कितनी गायों की मौत
सिरसा में 50, फतेहाबाद 14, यमुननागर 8, कैथल 5, कुरुक्षेत्र-पंचकूला 4-4 और महेंद्रगढ़ में एक गाय दम तोड़ चुकी है। 141 गोशालाओं में संक्रमण फैल चुका है। 32 गायों की मौत गोशालाओं में हुई है। सिरसा स्थित गोशालाओं में 22, फतेहाबाद 5, कैथल 3, कुरुक्षेत्र-यमुनानगर में 1-1 गाय दम तोड़ चुकी हैं।

यमुनानगर सबसे प्रभावित
यमुनानगर  9009, सिरसा 2939, अंबाला 1767, कुरुक्षेत्र 1120, कैथल 937, फतेहाबाद 659, पंचकूला 515, करनाल 208, पलवल 85, हिसार 76, जींद 72, भिवानी 22, फरीदाबाद 16 और महेंद्रगढ़ में 15 पशु लंपी की चपेट में आ चुके हैं।

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