यूक्रेन के 18% हिस्से पर आज से रूस का कब्जा:डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरझिया और खेरसॉन रूस में मिलेंगे ,पुतिन करेंगे ऐलान

रूस रेफरेंडम ( जनमत संग्रह) हासिल करने के बाद यूक्रेन के चार और क्षेत्रों को ऑफिशियली अपनी सीमा में मिलाने जा रहा है। शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन इसके लिए होने वाले समझौते पर सिग्नेचर करेंगे।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री एस. पेसकोव ने कहा- यूक्रेन के चार शहरों को रूस में मिलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इन शहरों के हेड क्रेमलिन के सेंट जॉर्ज हॉल में जरूरी डॉक्यूमेंट्स पर साइन करेंगे। यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने रेफरेंडम के नाम हो रहे इस ऐनक्सेशन (जबरन विलय) पर सख्त ऐतराज जताते हुए इसकी निंदा की है।

रूस का जवाब – वोटिंग के बाद लिया फैसला

अमेरिका और पश्चिमी देशों के ऐतराज पर रूस ने पलटवार किया। कहा- हमने पांच दिन तक जनमत संग्रह कराया। इसमें मिले समर्थन के आधार पर हम यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिजिया और खेरसॉन को अपने देश में मिला रहे हैं। इसके लिए कानूनी तौर पर वोटिंग कराई गई है।

स्पेशल डे की तरह सेलिब्रेट कर रहा रूस

यूक्रेन के चार शहरों को रूस में मिलाने के मौके को रूस किसी स्पेशल डे की तरह सेलिब्रेट करने की तैयारी में है। रूस का नेशनल मीडिया शुक्रवार को होने वाले कार्यक्रम को रेफरेंडम मिलने के जश्न के तौर पर प्रेजेंट कर रहा है।

राष्ट्रपति पुतिन इस मौके पर स्पेशल स्पीच देंगे। इसके लिए मॉस्को के रेड स्क्वायर में होर्डिंग और एक बड़ी वीडियो स्क्रीन लगाई गई है। इस दौरान कई सड़कें बंद रहेंगी। एक खास शो भी तैयार किया गया है, जिसका प्रदर्शन समझौते पर साइन होने के बाद किया जाएगा।

पहले भी ऐसा कर चुका है रूस

  • साल 2008 में जॉर्जिया के साथ एक छोटा युद्ध लड़ने के बाद रूस ने जॉर्जिया की दो अलग-अलग टेरिटरी अबकाजिया और दक्षिण ओसेशिया को स्वतंत्रत राज्य के रूप में मान्यता दी थी। इन दो टेरिटरी को रूस ने काफी फंडिंग भी की थी। इसके बाद यहां के लोगों को रूसी नागरिकता दी गई और युवाओं को रूसी सेना में शामिल किया गया।
  • 2014 में रेफरेंडम के बाद क्रीमिया को रूस ने खुद में मिला लिया था। उस समय भी पुतिन ने स्पीच दी थी।
  • 22 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन ने डोनेट्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र राज्य की मान्यता दे दी थी। इन दोनों इलाकों को डोनबास के तौर पर जाना जाता है। रूस की इस घोषणा के दो दिनों बाद ही दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया था, जो अब तक जारी है।

रूस के कदम का विरोध

कई देशों ने रूस के इस कदम की निंदा की है। कीव ने अपने लोगों से इससे दूर रहने को रहने को कहा है। रूस के इस कदम पर अमेरिका ने ऐतराज जताया। जर्मनी की फॉरेन मिनिस्टर एनालेना बेरबॉक ने आरोप लगाया कि रेफरेंडम के लिए लोगों को घरों और ऑफिस में घुसकर धमकी दी गई। ये रेफरेंडम बंदूक की नोक पर मिला है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के उलट है। रूस ने केवल अशांति फैलाई है।

यूक्रेन का दावा जल्द वापस लेंगे अपनी टेरिटरी

यूक्रेन ने क्रेमलिन की घोषणाओं को नजरअंदाज करते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। यूक्रेन की सेना ने कहा है कि वो आने वाले कुछ दिनाें में अपने नॉर्थ-ईस्ट के क्षेत्रों को रूस के कब्जे से छुड़वा लेगी। डोनेट्स्कऔर लुहांस्क को स्वतंत्र कराने की बात यूक्रेन सेना की ओर से की गई है।

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