
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने गुरुवार को कहा कि इस साल 15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक पंजाब में 2021 की इसी अवधि की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में नौ फीसदी की बड़ी वृद्धि हुई जो चिंता का विषय है। आयोग ने बताया कि हरियाणा में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 26 फीसदी की गिरावट आयी है।
सीएक्यूएम ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के मद्देनजर आयोग ने पराली प्रबंधन की रणनीति समेत कार्ययोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पंजाब सरकार के सामने यह विषय उठाया। एक बयान में कहा, सीएक्यूएम के लिए इसरो द्वारा विकसित मानक नियम के मुताबिक 15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 7,036 घटनाएं सामने आयीं जबकि पिछले साल इस अवधि में ऐसी 6,463 घटनाएं हुई थीं। यानी ऐसी घटनाओं में करीब नौ फीसद की बड़ी वृद्धि हुई।
उसने कहा कि फसल कटाई के वर्तमान सीजन के दौरान पराली जलाने के 70 फीसद मामले केवल छह जिलों- अमृतसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, कपूरथला, पटियाला एवं तरनतारन से सामने आये हैं यानी पंजाब की ऐसी कुल 7,036घटनाओं में 4,899 इन जिलों की थीं। सीएक्यूएम ने कहा, पिछले साल भी इस अवधि के दौरान पराली जलाने की करीब 65 फीसद घटनाएं इन्हीं पारंपरिक छह मुख्य जिलों से सामने आयी थीं।