Shraddha Murder Case : आफताब का पॉलिग्राफ टेस्ट पूरा, कल से नार्को 

देश के बहुचर्तित श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का मंगलवार को पॉलिग्राफ टेस्ट पूरा हो गया। अब उसका रोहिणी स्थित डाॅ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में एक दिसंबर से नार्को टेस्ट किया जाएगा। दूसरी तरफ आफताब पर सोमवार को हुए हमले को देखते हुए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की मंगलवार को सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। एफएसएल की सुरक्षा में भारी संख्या में बीएसएफ व स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया था। 

पुलिस अधिकारियों के अनुसार पॉलिग्राफी टेस्ट के आफताब को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंगलवार सुबह करीब 9:30 बजे एफएसएल लाया गया। आफताब का मंगलवार को पॉलिग्राफ टेस्ट का बचा हुआ सत्र पूरा किया गया। इसमें उसके कुछ टेस्ट किए गए। पॉलिग्राफी के बचे हुए सत्र को नार्को का प्री-सत्र भी कहा जा सकता है। अब डाॅ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल की दूसरी मंजिल पर ओटी नंबर-दो में नार्को किया जाएगा। डॉ. नवीन कुमार की देखेरख में टेस्ट होगा। इसमें फोटो एक्सपर्ट, फोरेंसिक मनोचिकित्सक, मेडिसिन डॉक्टर, नर्स और प्रेक्टिशनर समेत सात लोग रहेंगे। बताया जा रहा है आफताब ने सभी सवालों के जवाब नॉर्मल तरीके से दिया है। टेस्ट के दौरान वह ऐसे जवाब दे रहा था जैसे वह सवालों जवाब रट कर आया हो। 

अदालत से पुलिस को मिली अनुमति
अदालत ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को आफताब का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति दी। पुलिस ने 1 और 5 दिसंबर को पूनावाला को फॉरेंसिक साइंस लैब रोहिणी ले जाने के लिए आवेदन दायर किया था जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। पुलिस ने पहले कहा था कि एफएसएल के विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा रोहिणी के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में नार्को टेस्ट किया जाएगा। सोमवार को आफताब पर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि वह आफताब के नार्को विश्लेषण के लिए अनुमति मांग रही है, क्योंकि पूछताछ के दौरान उसकी प्रतिक्रिया भ्रामक प्रकृति की थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि किसी भी व्यक्ति की सहमति के बिना उसका नार्को एनालिसिस, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं किया जा सकता। साथ ही, इस परीक्षण के दौरान दिए गए बयान अदालत में प्राथमिक साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य नहीं हैं, सिवाय कुछ परिस्थितियों के जहां कोर्ट को लगता है कि मामले के तथ्य और प्रकृति इसकी अनुमति देते हैं। 

आफताब पर हमले को नाकाम करने वाले पुलिसकर्मी सम्मानित
रोहिणी एफएसएल कार्यालय के पास पुलिस वैन को रोककर आफताब पर हमले की कोशिश को नाकाम करने वाले पुलिसकर्मियों को मंगलवार पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने शाबाशी दी। उन्होंने आरोपी आफताब को हमलावरों से बचाकर तिहाड़ जेल पहुंचाने वाले तीसरी बटालियन में तैनात दो उप निरीक्षक को 10-10 हजार रुपये, 2 हवलदार व एक सिपाही को 5-5 हजार रुपये का पुरस्कार दिया। साथ ही, पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाया। 

सोमवार को करीब आठ घंटे के पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद शाम लगभग 7 बजे आफताब को पुलिस वैन से जेल ले जा रही थी। इसी दौरान पांच से छह हमलावरों ने मारुति जेन कार को वैन के सामने लगाकर रोका और तलवारों से लैस होकर वैन पर हमला कर दिया। पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को हिरासत में लिया था। 

पूछताछ में आरोपियों की पहचान गुरुग्राम निवासी कुलदीप ठाकुर और निगम गुर्जर के रूप में हुई। कुलदीप ठाकुर ने पूछताछ में बताया कि निगम गुर्जर अन्य साथी के साथ पांच तलवार लेकर आया था। आरोपियों ने खुद को हिंदू सेना का कार्यकर्ता बताया था। हालांकि, रात में ही हिंदू सेना ने इसका खंडन कर दिया था।

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