27 साल से गुजरात की सत्ता पर काबिज भाजपा को इस चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिलने की उम्मीद है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है, पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा, बेहतर बूथ प्रबंधन और सोशल मीडिया के रणनीतिगत उपयोग से पार्टी सबसे बड़ी जीत का लक्ष्य हासिल कर लेगी। लगातार छह चुनाव जीत चुकी पार्टी को सबसे बड़ी जीत (127 सीटें) साल 2002 के चुनाव में हासिल हुई थी।
पार्टी ने इस बार भी हमेशा की तरह गुजरात गौरव को हथियार बनाया। राज्य नेतृत्व को पीछे करते हुए पीएम मोदी को अपना चेहरा बनाया। इसके अलावा बूथ प्रबंधन का विस्तार करने के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोग की विस्तृत रणनीति बनाई। खासतौर से बूथ प्रबंधन और सोशल मीडिया के जरिये जमीनी स्तर पर व्यापक संपर्क अभियान चलाया।
इस वजह से है उम्मीद
भाजपा की निगाहें पहली बार मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन पर है। चुनावी रणनीति से जुड़े एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, निकाय चुनाव में ‘आप’ की उपस्थिति से विपक्षी वोट बंटे और भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई। इस बार भी जिन शहरी क्षेत्रों में आप का प्रभाव है, वहां मुकाबला त्रिकोनात्मक हुआ और आप ने भाजपा से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है।
पांच मतदाताओं के लिए एक कार्यकर्ता
‘बूथ जीतो चुनाव जीतो’ का नारा देने वाली पार्टी ने सबसे ज्यादा बूथ प्रबंधन पर ही जोर दिया। इस बार बूथ प्रमुख, पन्ना प्रमुख के साथ ही छह सदस्यीय पन्ना समिति भी बनाई। एक कार्यकर्ता को पांच लोगों को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी मिली।