Parliament Update : सरकार ने मांगा 3.25 लाख करोड़ का अनुपूरक अनुदान

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद से अनुपूरक अनुदान मांग के तहत चालू वित्त वर्ष में 3.25 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी। लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि 2022-23 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों के पहले बैच में 4.36 लाख करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी गई, इसमें कुल 75 अनुदान और 6 विनियोग मांगे शामिल हैं। इसमें से 3.25 लाख करोड़ रुपये व्यय के लिए नकद मांगा गया है, जबकि विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की बचत और बढ़ी हुई प्राप्तियों या वसूलियों के जरिये 1.10 लाख करोड़ रुपये का बंदोबस्त किया जाएगा।

चौधरी ने बताया कि यूक्रेन युद्ध की वजह से सरकार को खाद्य सामग्री, ईंधन और उर्वरकों पर अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है। सरकार ने बजट अनुमानों में इस वर्ष के लिए कुल व्यय अनुमानित 39.45 लाख करोड़ से बढ़कर 45 लाख करोड़ से पार होने की तरफ बढ़ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 37 लाख करोड़ व्यय किया था। 

खाद्य सब्सिडी के लिए 60 हजार करोड़
मौजूदा वित्त वर्ष में करीब 60 हजार करोड़ रुपये खाद्य सब्सिडी के लिए मांगे गए हैं। इसके तहत गरीबों को मुफ्त व रियायती कीमत पर खाद्यान्न मुहैया कराया जाना है। खाद्य सब्सिडी पर सरकार इस वर्ष कुल व्यय 2.67 लाख करोड़ पहुंच जाएगा, जबकि बजट में 2.07 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान था।

खादों पर सब्सिडी बढ़कर 2.14 लाख करोड़ पहुंचने के आसार
भारत सालाना जरूरत के पांच करोड़ टन उर्वरक में से 40 फीसदी आयात करता है। यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से कीमतों में भारी उछाल आया है, क्योंकि दोनों ही प्रमुख उर्वरक उत्पादक देश हैं। उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाने के लिए 1.09 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त मांगे हैं। इस वर्ष उर्वरक सब्सिडी खर्च 2.14 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाएगा।  

सरकार ने 16.4 हजार करोड़ रुपये ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनाओं पर खर्च करने के लिए मांगे हैं। इन्हें मिलाकार ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार पर कुल खर्च 89.4 हजार करोड़ पहुंच जाएगा। ग्रामीण आवास योजनाओं पर सरकार ने 28.4 हजार करोड़ अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी है। इसके अलावा उज्ज्वला योजना में कुल व्यय 29.94 हजार करोड़ रुपये हो गया है। 

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को संसद में चीन पर बढ़ती निर्भरता पर चिंता जताते हुए कहा, देश को पता होना चाहिए कि ऐसे देश पर निर्भरता बहुत बढ़ गई है, जिसके हित हमारे खिलाफ हैं। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि देश चीन से करीब छह लाख करोड़ रुपये के व्यापार घाटे से जूझ रहा है।

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