
प्रदेश में खसरे के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। स्थिति यह है कि दिसंबर के पहले 15 दिन में करीब सौ से अधिक मरीज मिले हैं जबकि जनवरी से अब तक कुल संख्या 209 है। अचानक संख्या बढ़ने की बड़ी वजह टीकाकरण में लापरवाही होना और जांच का दायरा बढ़ाना माना जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में अब तक खसरे के कुल 209 मरीज मिले हैं। इसमें जनवरी से 30 नवंबर तक यह संख्या 109 थी। दिसंबर माह में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। स्थिति यह है कि 16 दिसंबर तक यह संख्या बढ़कर 209 हो गई है। यानी 15 दिन में करीब सौ मरीजों की बढ़ोतरी हो गई।
हालांकि अच्छी बात यह है कि अभी तक सिर्फ एक मरीज की खसरे से मौत हुई है। अन्य मरीज कुछ दिन बाद ठीक हो गए। विभागीय सूत्रों के मुताबिक उन्नाव, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद सहित कई जिलों में इसके मरीज ज्यादा मिल रहे हैं। इन जिलोंं में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। अचानक खसरे के मरीजों की संख्या बढ़ने की मूल वजह कोविड काल के दौरान टीकाकरण में हुई चूक भी बताई जा रही है।
इस संबंध में एनएचएम के टीकाकरण महाप्रबंधक डॉ. मनोज शुक्ला का कहना है कि पहले बुखार, दाने निकलने, खांसी और आंखों मेंं लालिमा होने पर खसरे की जांच कराई जाती थी, लेकिन अब बुखार आने और दाने निकलने पर ही जांच कराई जा रही है। टीकाकरण की भरपाई के लिए नए सिरे से सर्वे हो रहा है। जनवरी से विशेष अभियान चलाकर बचे हुए बच्चों का टीकाकरण कराया जाएगा।