
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में क्लर्क पद पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने का मामला सामने आया है। नौ मई को जारी इस जाली आदेश में रायपुर निवासी निधि उनियाल पत्नी दिगंबर प्रसाद उनियाल की नियुक्ति दिखाई गई थी। जब यह कथित नियुक्ति पत्र विधानसभा सचिवालय में सत्यापन के लिए पहुंचा, तो पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया।
विधानसभा सचिवालय के अनुसचिव हरीश कुमार ने इस प्रकरण की शिकायत एसएसपी कार्यालय को भेजी, जिसके बाद नेहरू कॉलोनी थाने में मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि जिस “उप सचिव अमित सिंह” के नाम से यह आदेश जारी किया गया, वह व्यक्ति विधानसभा में कार्यरत ही नहीं है। विधानसभा प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह नियुक्ति पत्र पूरी तरह फर्जी है और किसी अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया।
नेहरू कॉलोनी थाना प्रभारी संजीत कुमार ने बताया कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने और सरकारी संस्था की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि इस जाली नियुक्ति पत्र के संबंध में किसी व्यक्ति ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत विधानसभा सचिवालय से जानकारी मांगी थी, जिससे पूरा मामला उजागर हुआ। फिलहाल पुलिस यह जांच कर रही है कि फर्जी नियुक्ति पत्र किसने तैयार किया और इसका उद्देश्य क्या था।
मुख्य बिंदु:
- विधानसभा सचिवालय में क्लर्क पद पर जाली नियुक्ति पत्र जारी
- फर्जी आदेश में उप सचिव के रूप में “अमित सिंह” का नाम दर्ज
- विधानसभा ने जांच में पत्र को फर्जी पाया
- अनुसचिव की तहरीर पर नेहरू कॉलोनी थाने में केस दर्ज
- पुलिस ने जांच शुरू की, फर्जीवाड़े की तह तक जाने की कोशिश
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