जोशीमठ के हालात पर केंद्र का एक्शन प्लान:जमीन धंसने से निपटने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट की तैयारियां तेज

उत्तराखंड के जोशीमठ के हालात पर केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक हाई लेवल मीटिंग की। मीटिंग में जिला प्रशासन से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराने के लिए कहा गया है। इधर, जोशीमठ में जमीन धंसने से निपटने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट ने तैयारियां तेज कर दी है। सोमवार को एक्सपर्ट की एक टीम जोशीमठ जाएगी और वहां लैंडस्लाइड के कारणों का पता लाएगी।

बता दें कि उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी डॉ. सुखवीर सिंह संधू ने रविवार को जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का जायजा लिया। मीटिंग में PMO के सेक्रेटरी जनरल डॉ. पी के मिश्रा, कैबिनेट सेक्रेटरी और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य शामिल हुए। जोशीमठ के प्रशासनिक अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद थे।

इधर राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर टनल बनाने से वहां की जमीन कमजोर पड़ रही है, तो इसे तत्काल रोक देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जोशीमठ का अस्तित्व, जीवन और वहां के लोगों की आजीविका खतरे में है। हम उनके साथ खड़े हैं। हम इस चुनौती में सरकार और मुख्यमंत्री के साथ हैं।

लैंडस्लाइड पर एक्सपर्ट बोले- रिस्क बड़ा है
PMO से मीटिंग के दौरान एक्सपर्ट ने जोशीमठ में बड़े रिस्क की आशंका जाहिर की गई है। सुखवीर सिंह संधू ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बिना किसी नुकसान के लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट कराया जाए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हैं कि लैंडस्लाइड को कैसे रोका जा सकता है। जल्द ही समाधान ढूंढ लिया जाएगा। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने शुरू कर दिए गए हैं, हालांकि अभी के हालात को देखते हुए लोगों को डेंजर जोन से निकालना ज्यादा जरूरी है।

PM मोदी ने CM धामी से पूछा- कितने लोग प्रभावित हैं
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर इस मामले में जानकारी ली। धामी ने बताया कि पीएम ने कई तरह के प्रश्न पूछे जैसे कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, कितना नुकसान हुआ, लोगों के विस्थापन के लिए क्या किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

जोशीमठ में किरायेदार घर छोड़कर भागे
वहीं, प्रशासन ने इलाके को डेंजर जोन घोषित किया है। प्रशासन की चेतावनी के बाद जोशीमठ के सिंगधर इलाके में किराए के मकान में रहने वाले लोग भाग चुके हैं। इस बीच एक किराए दार ने बताया कि यहां के हालात ‘बहुत भयावह’ हो गए हैं, जिसके कारण वे घर खाली कर रहे हैं। एक अन्य व्यक्ति गुरनाम सिंह पंवार ने कहा- मैं इस जगह को छोड़ना चाहता हूं क्योंकि मैं यहां बढ़ते लैंड स्लाइड से डरा हुआ हूं।

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