
यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को जल्द महंगी बिजली का बोझ उठाना पड़ सकता है। बिजली कंपनियों ने 2023-24 वर्ष के लिए बिजली दरों में औसतन 15.85% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। जिससे सबसे ज्यादा बोझ घरेलू बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। जिसमें यूनिट के साथ फिक्स चार्ज भी बढ़ेगा। वहीं एक किलोवॉट से कम लोड वाले उपभोक्ताओं की दरों में 17% तक की बढ़ोती का प्रस्ताव है।
16 प्रतिशत की औद्योगिक और 12 प्रतिशत का कॉमर्शियल दरों में हो सकती है बढ़ोत्तरी
राज्य विद्युत नियामक के पास भेजे गए प्रस्ताव में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी घरेलू बिजली की दरों में की गई है। इसमें 18% से 23% की बढ़ोतरी के साथ फिक्स्ड चार्ज 110 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है। उद्योगों की दरों में 16%, कृषि की दरों 10% से 12% और कॉमर्शियल दरों में 12% तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है।
पावर कॉरपोरेशन की मुहर लगते ही बढ़ेगा बोझ
विभागीय सूत्रों के मुताबिक पावर कॉरपोरेशन की मुहर लगते ही प्रस्तावित दरे लागू कर दी जाएगी। जिसके चलते बिजली कंपनियों को करीब 9,140 करोड़ रुपये का अधिक राजस्व मिलेगा। इस वित्त वर्ष में बिजली कंपनियों को बिल के जरिए करीब 65,000 करोड़ रुपये के राजस्व की मंजूरी दी गई है।
पावर कॉरपोरेशन का अनुमान है कि इस साल उसे करीब 1 लाख 34 हजार 751 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत पड़ेगी। 2022-23 में यह आंकड़ा 1 लाख 16 हजार 69 मिलियन यूनिट था।
बिजली दरों में कमी के लिए दाखिल की गई याचिका
परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के विरोध में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों में कमी करने के लिए नियामक आयोग में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के करीब 25,133 करोड़ रुपये बकाया हैं। ऐसे में बिजली कंपनियों को दरें बढ़ाने के बजाय टैरिफ कम करने का प्रस्ताव देना चाहिए।