
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अमृतकाल की मजबूत आधारशिला रखने वाला यह बजट सर्वसमावेशी और दूरदर्शी है। बजट हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाली मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और गति देगा। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला को बधाई। पूंजीगत व्यय में 33% की वृद्धि करते हुए उसे 10 लाख करोड़ रुपये करना और राजकोषीय घाटे को 5.9 % रखने का लक्ष्य सराहनीय है। यह मोदी सरकार की सशक्त बुनियादी ढांचे और मजबूत अर्थव्यवस्था वाले नया भारत बनाने की दूरदर्शिता को दर्शाता है। मध्य व वेतनभोगी वर्ग को टैक्स में बड़ी राहत देने के लिए मोदी जी का आभार। कर छूट को 5 लाख रुपये से बढ़ा कर 7 लाख रुपये करना और टैक्स स्लैब में बदलाव से मध्य वर्ग को राहत मिलेगी।
वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कम से कम दस वजहें हैं, जिनके आधार पर दुनिया को इस बजट का स्वागत करना चाहिए। पूंजीगत निवेश 100 खरब डॉलर का व्यय वैश्विक विकास में भारत को शक्तिशाली इंजन बना रहा है। कारोबार में आसानी के तहत केवाईसी सरलीकरण, व्यापक जीआईएफटी आईएफएससी , केंद्रीय डाटा प्रोसेसिंग केंद्र, समेत कई कदम उठाए गए हैं। 240 अरब रुपये के अब तक के सबसे ज्यादा रेलवे परिचालन व्यय और 100 परिवहन इन्फ्रा प्रोजेक्ट के जरिये बेहतर बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है। डिजिटल भुगतान, डाटा नियमन, डाटा एंबेसी, डिजिलॉकर विकास के लिए अहम हैं। श्रीअन्न योजना के जरिए देश को मोटे अनाजों का वैश्विक केंद्र बनाने की कोशिश अहम है। इससे वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
आज की नहीं, 25 साल आगे की बात
पूर्व वित्त पी चिदंबरम ने कहा कि बजट की उलटबांसी समझ से परे हैं। वित्त मंत्री ने अगले 25 वर्षों के लिए योजनाओं का खाका तैयार किया है, लेकिन मौजूदा हालात पर ध्यान कम ही दिया है। सरकार को क्या लगता है कि मौजूदा समय में किसी पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है और जनता के अमृत काल के उदय होने तक धीरज से प्रतीक्षा करने के लिए कह दिया जाए। यह भारत के लोगों, खासकर गरीबों और वंचितों का मजाक उड़ाने के सिवा और कुछ नहीं है। आज का बजट भाषण किसी वित्त मंत्री द्वारा पढ़ा गया अब तक का सबसे पूंजीवादी भाषण था। पूरे बजट भाषण के दौरान गरीब शब्द महज छठे पैरे में दो बार आया है। हम वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने यह तो याद रखा कि इस देश में गरीब भी रहते हैं।
बजट जनविरोधी और अवसरवादी
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय बजट में बेरोजगारी की बड़ी समस्या के बारे में कुछ नहीं कहा गया। भाजपा सरकार का यह बजट जनविरोधी और अवसरवादी है। इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है। आयकर के स्लैब में बदलाव से किसी को फायदा नहीं मिलने वाला।