दिल्ली हाईकोर्ट 27 फरवरी यानी सोमवार को अग्निपथ स्कीम के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी। 15 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलें सुनने का बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर कोई है तो वो अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई कर रही है, इसमें जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद भी शामिल हैं।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने इस स्कीम में 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों को आयु में छूट दी गई है। यह स्कीम सेना में भर्ती प्रक्रिया में अहम बदलाव है। हम हलफनामे में सब कुछ नहीं दे सकते हैं, लेकिन यह निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि हमने नेक काम किया।
क्या है अग्निपथ स्कीम
केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की थी। इस स्कीम के तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है।
इस स्कीम की घोषणा होने के बाद देश के कई हिस्सों में युवाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। इस दौरान कई जगह उपद्रव भी देखने को मिला। उधर, दिल्ली हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल कर इस स्कीम पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दिसंबर 2022 में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर भर्ती रैली 2023 के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। अग्निवीर भर्ती योजना में बदलाव किया गया है। अब प्री स्किल्ड युवा भी सेना की इस भर्ती में शामिल हो सकते हैं। पॉलिटेक्निक और ITI पास आउट यंग्स्टर्स सेना की टेक्निकल ब्रांच के लिए अप्लाय कर सकते हैं। चालीस हजार युवा भर्ती किए जाएंगे