
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का तीन पेज का इस्तीफा भले ही मंगलवार को सामने आया है, लेकिन इसे पढ़कर लगता है कि इसे पहले ही तैयार कर लिया गया था। पत्र की भाषा जितनी सधी है, उसे पढ़कर ऐसा नहीं लगता कि सिसोदिया ने इसे सीबीआइ की हिरासत में रहने के दौरान लिखा या लिखवाया हो। वैसे भी इस्तीफा टाइप किया हुआ है और उसपर कोई तारीख भी नहीं है।
सिसोदिया ही नहीं, इसका आभास मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी बहुत पहले से हो गया था कि उपमुख्यमंत्री गिरफ्तार किए जा सकते हैं। हाल ही में केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से भी इसकी आशंका जताई थी। संभवतया इसीलिए पिछले एक वर्ष से परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी बजट से संबंधित बैठकों में शामिल हो रहे थे। इसके पीछे भी यही सोच बताई जाती है कि अगर सिसोदिया गिरफ्तार हो जाते हैं, तो गहलोत बजट पेश कर सरकार के कामकाज को आगे बढ़ा सकेंगे।
सिसोदिया के साथ-साथ सत्येंद्र जैन का इस्तीफा भी मंजूर
दूसरी तरफ, मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे को लेकर कहा जा रहा है कि वह पहले से ही केजरीवाल के पास था, लेकिन उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया था। ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि तिहाड़ जेल के सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को तिहाड़ में जैन की किसी से मुलाकात नहीं हुई। ऐसे में इस्तीफा भेजने का प्रश्न ही नहीं उठता। अब सिसोदिया के साथ-साथ उनका इस्तीफा भी मंजूर कर लिया गया है।