मणिपुर के कई जिलों में जनजातीय समूहों द्वारा रैलियां निकाली गई जिसके बाद मणिपुर में कई जगहों पर हिंसा देखने को मिली। वहीं, इस हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। हालांकि हिंसा धीरे-धीरे शांत हो रही है, लेकिन राज्य में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इम्फाल घाटी में आज यानी शनिवार को जनजीवन सामान्य हो गया।
जगह-जगह तैनात हैं सुरक्षाकर्मी
वहां दुकानें और बाजार फिर से खुल गए और सड़कों पर गाड़ियों ने दौड़ना शुरू कर दिया है हिंसा से प्रशासन सख्त हो गया था। वहां हालात को काबू करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सभी प्रमुख क्षेत्रों और सड़कों पर सेना की अधिक टुकड़ियों और रैपिड एक्शन फोर्स और केंद्रीय पुलिस बलों को भेजकर सुरक्षा उपस्थिति को मजबूत किया गया था।
इंफाल शहर और अन्य जगहों पर सुबह ज्यादातर दुकानें और बाजार खुले और लोगों ने सब्जियां और अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदीं। हालांकि वहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहे।
अधिकारी ने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल में क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान ने 23 लोगों के मरने की सूचना दी है। इस बीच, चुराचांदपुर जिले में शुक्रवार रात दो अलग-अलग मुठभेड़ों में पहाड़ी इलाके में रहने वाले पांच उग्रवादी मारे गए और इंडिया रिजर्व बटालियन के दो जवान घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि चुराचांदपुर जिले के सैटन में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें चार उग्रवादी मारे गए।
हिंसा में 100 से ज्यादा लोग घायल
टोरबंग में उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं, जिससे उन्हें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में एक उग्रवादी मारा गया और आईआरबी के दो जवान घायल हो गए। वहीं, पिछले 12 घंटों में पूर्वी इंफाल और पश्चिमी जिलों में आगजनी की छिटपुट घटनाएं हुईं। असामाजिक तत्वों ने लगातार उत्पात मचाने की कोशिशें की हालांकि, घटनाओं का विवरण उपलब्ध नहीं था। कई स्रोतों ने कहा कि समुदायों के बीच लड़ाई में कई लोग मारे गए और लगभग सौ घायल हो गए।