
अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया व अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। अदालत ने कहा पेश साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा चनाने के पर्याप्त साक्ष्य है। अदालत ने उन्हें समन जारी कर एक जून को पेश करने का निर्देश दिया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद सम्मन जारी किया। ईडी ने यह पूरक आरोपत्र 4 मई को दाखिल किया था। पूरक चार्जशीट में ईडी ने आरोप लगाया है कि अपराध की कार्यवाही से आरोपी मनीष सिसोदिया की गतिविधियों से 622 करोड़ की कमाई हुई है। पूरक आरोप पत्र विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा ने दायर किया था। पूरक प्रभार में 2100 से अधिक पृष्ठ हैं। परिचालन भाग में 271 पृष्ठ हैं।
ईडी ने सिसोदिया को इस मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उन्हें सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। वह इस मामले में गिरफ्तार किए गए 29वें आरोपी हैं। सीबीआई इस मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल कर चुकी है। सीबीआई मामले में उनकी जमानत हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी थी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत हाई कोर्ट में लंबित है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 मार्च को तिहाड़ जेल में घंटों पूछताछ के बाद शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में पहले गिरफ्तार किया था।