
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर अतुल और सनी काकरान पर मेरठ में हत्या और लूट जैसे संगीन अपराध के मुकदमे दर्ज होने के बावजूद उन्हें आज तक यहां की जेल में नहीं लाया जा सका है। वे दिल्ली के एक मामूली मुकदमे में तिहाड़ जेल में बंद हैं। यही कारण है कि वे दिल्ली में आराम से अपराध का नेटवर्क चलाकर यूपी पुलिस को चुनौती दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ एनकाउंटर होने के बाद पश्चिम के बड़े बदमाश जहां जेलों में दुबके हैं, वहीं तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस विश्नोई गिरोह ने वेस्ट यूपी में पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। लावड़ में गारमेंट व्यापारी से रंगदारी मांगने के आरोपी सनी काकरान और अतुल जाट के तिहाड़ जेल में होने के बावजूद उनके नाम से फोन पर धमकी पहली बार नहीं आई है। मार्च महीने में भी सनी काकरान ने फोन करके प्रयाग चौधरी हत्याकांड में उसके पिता निरंकार को गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
इस बार भी रंगदारी मांगे जाने में जो सिम इस्तेमाल किया गया है उसकी लोकेश तिहाड़ जेल के पास ही मिली है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि कहीं जेल में मोबाइल का तो इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, इसको लेकर मेरठ पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस ने इस नटवर्क को ध्वस्त नहीं किया तो वेस्ट यूपी में लॉरेंस बिश्नोई बड़ा गैंग खड़ा कर लेगा।
आखिर मेरठ जेल में क्यों नहीं कराया शिफ्ट
कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र के पावली खुर्द गांव में प्रयाग चौधरी की मई 2022 में हत्या हुई थी। इसमें सनी काकरान, अतुल जाट, नसरूद्दीन, अवनीश और संदीप सहित आठ लोग नामजद थे। प्रयाग चौधरी की हत्या में इन दोनों के अलावा संदीप और नसीरुद्दीन के नाम सामने आए थे। ये दोनों भी लॉरेंस के शूटर हैं। इससे पहले सनी और अतुल ने इंचौली के चिंदौड़ी गांव में बसपा नेता मनोज कुमार की हत्या की थी।