
भारतीय जल क्षेत्र में 2,500 किग्रा मेथामफेटामाइन के साथ गिरफ्तार आरोपित पाकिस्तान नागरिक ने शुक्रवार को जमानत के लिए अदालत की ओर रुख किया। उसने दावा किया कि वह शरणार्थी है और उसे अभियोजन ने मामले में फंसाया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और नौसेना ने संयुक्त अभियान में बड़ी मात्रा में ड्रग्स जब्त की गई थी।
शख्स ने खुद को बताया निर्दोष
आरोपित जुबैर देराक्षशांदेह ने स्थानीय अदालत में कहा कि पूरी कहानी अभियोजन पक्ष ने पकाई है, जबकि वह शरणार्थी है और उसके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। अधिवक्ता बीए अलूर के माध्यम से दायर जमानत अर्जी में आरोपित ने कहा कि प्रतिबंधित ड्रग्स अंतरराष्ट्रीय जल मार्ग में खुले समुद्र से जब्त की गई हैं, जो भारतीय क्षेत्र में नहीं है।
अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है और उसके खिलाफ झूठा और मनगढ़ंत मामला बनाया गया है। जांच एजेंसी महज संदेह के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ अभियोजन स्थापित करने की कोशिश कर रही है। याचिका में आरोप लगाया गया कि अभियोजन जहाज का नाम अथवा उसके पंजीकरण संख्या की जानकारी नहीं दे सका, जिससे आरोपित और प्रतिबंधित ड्रग्स जब्त किए गए।