
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के दूसरे दिन शनिवार को भी हिंसा की घटनाएं जारी रहीं। हिंसा के दौरान, एक टीएमसी कार्यकर्ता को झड़प में गोली मार दी। इसको लेकर अब राजनीति चरम पर है। विपक्षी भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने दावा किया कि उनके उम्मीदवारों को सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कागजात जमा करने से रोका।
टीएमसी कार्यकर्ता लिटन हक (30) शनिवार शाम को कूचबिहार जिले के दिनहाटा इलाके में एक झड़प में गंभीर रूप से घायल हो गए, उनके परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रतिद्वंद्वी गुट के सदस्यों ने गोली मार दी थी, जबकि पुलिस का दावा है कि झगड़े के दौरान उन्हें पीटा गया लेकिन गोली नहीं चली।
हक के चचेरे भाई और टीएमसी कार्यकर्ता बप्पा हक ने मीडिया को कहा कि लिटन को एक प्रतिद्वंद्वी टीएमसी गुट के कार्यकर्ताओं ने गोली मार दी थी। टीएमसी नेता पार्थ प्रतिम रॉय ने यह भी दावा किया कि हक संपत्ति विवाद में घायल हुए थे, राजनीतिक संघर्ष में नहीं। रॉय ने कहा कि उम्मीदवारों की सूची की घोषणा अभी बाकी है, लेकिन नामांकन को लेकर दो धड़ों के बीच टकराव की कहानी कैसे आ गई? घटना से संबंधित नहीं है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि यह पंचायत चुनाव में नामांकन को लेकर टीएमसी के भीतर गुटबाजी का मामला है और अगर प्रशासन कड़ी कार्रवाई नहीं करता है तो इस तरह की और घटनाएं सामने आएंगी। अधिकारी ने कहा कि राज्य भर में पहले दिन 1,360 नामांकन पत्र दाखिल किए गए और कुछ इलाकों में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर प्रक्रिया सुचारू रही।