
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को 11 साल का कठोर कारावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। साथ ही पीड़िता को पांच लाख का प्रतिकर देने के आदेश भी न्यायालय ने दिए हैं।
जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी ने पोखरी क्षेत्र के एक गांव की किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त सुभाष सिंह रावत को दोषी करार देते हुए पॉक्सो एक्ट में 11 वर्ष के कठोर कारावास की सजा व 20 हजार के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया है।
आरोपी ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर किया था दुष्कर्म
विशेष अधिवक्ता मोहन पंत ने बताया कि तहसील पोखरी के एक गांव की किशोरी को अभियुक्त सुभाष सिंह ने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर पोखरी के एक होटल में दुष्कर्म किया था। मार्च 2019 में अभियुक्त ने पीड़िता के घर जाकर भी दुष्कर्म किया गया तथा डरा धमकाकर मुंह बंद रखने को कहा। बताया कि पीड़िता के घरवालों ने उसकी शादी अन्य जगह की तो चार दिसंबर 2019 को पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। तब पीड़िता ने स्वजन से अभियुक्त सुभाष सिंह की ओर से दुष्कर्म की घटना स्वजन को बताई।
विवेचना के दौरान पुलिस ने नवजात शिशु के रक्त के नमूने डीएनए परीक्षण के लिए दिए गए थे। विधि विज्ञान प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट में अभियुक्त सुभाष सिंह व पीड़िता ही नवजात शिशु के जैविक माता-पिता पाए गए।