अमेरिका में भारतीय मूल के दो व्यक्ति करोड़ों डॉलर के कोविड फंड में धोखाधड़ी के दोषी

अमेरिका में भारतीय मूल के दो लोगों ने देश में COVID-19 महामारी के बाद आर्थिक सहायता योजना के तहत ऋण प्राप्त करके कई मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी योजना में भाग लेने का अपराध स्वीकार किया है। इसकी जानकारी न्याय विभाग द्वारा मिली है।

न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि ह्यूस्टन के 41 वर्षीय निशांत पटेल और 49 वर्षीय हरजीत सिंह और तीन अन्य लोग लघु व्यवसाय प्रशासन (Small Business Administration) के क्षम्य पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (forgivable Paycheck Protection Programme) ऋणों में धोखाधड़ी से लाखों डॉलर प्राप्त करने और उसे वैध बनाने में लगे हुए हैं।

उन्होंने SBA और कुछ SBA-अनुमोदित PPP ऋणदाताओं को गलत और धोखाधड़ी वाले PPP ऋण आवेदन जमा करने की बात स्वीकार की।

सभी पांच प्रतिवादियों ने सह-षड्यंत्रकारियों को खाली, समर्थित चेक प्रदान करके धोखाधड़ी से प्राप्त पीपीपी ऋण निधि (PPP loan funds) को वैध बनाने में भी सहायता की, जो पीपीपी ऋण प्राप्त करने वाली कंपनियों के कर्मचारियों के रूप में प्रस्तुत करने वाले लोगों को देय थे, लेकिन वो वास्तव में कर्मचारी नहीं थे।

फिर इन नकली तनख्वाहों को चेक-कैशिंग स्टोरों पर भुनाया गया, जिन पर साजिश के अन्य सदस्यों का नियंत्रण था।

बयान में कहा गया है कि योजना के हिस्से के रूप में, पटेल ने लगभग 474,993 अमेरिकी डॉलर का गलत और धोखाधड़ी वाला पीपीपी ऋण (fraudulent PPP loan) प्राप्त किया और सिंह ने कुल 937,379 अमेरिकी डॉलर के दो झूठे और धोखाधड़ी वाले पीपीपी ऋण प्राप्त किए।

इसमें कहा गया है कि धोखाधड़ी में शामिल तीन अन्य लोगों ने कुल 1.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि प्राप्त की।

उन्हें अगले साल 4 जनवरी को सजा सुनाई जानी है और प्रत्येक को अधिकतम पांच साल जेल की सजा होगी।

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