
उत्तराखंड में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की सुरंग में सात दिन से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की योजना को झटका लगा है। निकासी सुरंग के लिए 900 मिमी के स्टील पाइप बिछाने को चलाई जा रही ड्रिलिंग मशीन के कंपन से शुक्रवार को इस क्षेत्र में डेंजर जोन बन गया था।
इसके चलते यहां से बचाव अभियान का कार्य पूरी तरह रोक दिया गया है। ऐसे में श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रणनीति में बदलाव करते हुए वर्टिकल और हारिजांटल बोरिंग के जरिये सुरंग के भीतर पहुंचने की कार्य योजना तैयार की गई। इसके लिए पांच स्थान चिह्नित किए गए हैं। इनमें से दो स्थानों पर कार्य शुरू भी कर दिया गया है।
इस बीच शनिवार को सिलक्यारा पहुंची प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की टीम ने बचाव अभियान की कमान अपने हाथ में ले ली। देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक में बचाव अभियान की समीक्षा की। सरकार ने राज्य में कार्यरत केंद्रीय संस्थानों के साथ समन्वय के लिए वरिष्ठ आइएएस डा. नीरज खैरवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने में हो रही देरी से उनके स्वजन व अन्य श्रमिकों का सब्र अब टूटने लगा है।
उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए नई दिल्ली से लाई गई अमेरिकन औगर ड्रिलिंग मशीन से गुरुवार सुबह 60 मीटर लंबी निकासी सुरंग बनाने का काम शुरू हुआ था। शुक्रवार तक लगभग 30 मीटर सुरंग तैयार कर ली गई थी, लेकिन इस अभियान को तब बड़ा झटका लगा जब दोपहर में पहाड़ दरकने की तेज आवाज हुई। इससे बचाव कार्य कर रही टीमों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन बचाव अभियान रोकना पड़ा। इसके बाद सुरंग के मुहाने से 150 मीटर से 203 मीटर तक के हिस्से को डेंजर जोन मानते हुए काम रोक दिया गया।