
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस पत्र की समीक्षा कर रहा है, जिसमें उन्होंने एजेंसी के समक्ष पेश होने से इन्कार कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि कथित शराब नीति घोटाले के संबंध में पेश होने के लिए उन्हें चौथा समन भेजा जा सकता है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने एक दिन पहले ईडी के समक्ष पेश होने से इन्कार करते हुए कहा था कि एजेंसी का दृष्टिकोण कानून, समानता या न्याय की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है। सूत्रों ने कहा कि समन को अवैध बताने के उनके आरोपों को खारिज करते हुए एजेंसी नया समन भेज सकती है।
आबकारी मामले में ईडी के समन पर मचे सियासी घमासान के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद मोर्चा संभाला है। मुख्यमंत्री का दावा है कि इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। ईडी को अभी तक सुबूत नहीं मिले हैं, जबकि पिछले दो साल से शराब घोटाले की चर्चा हो रही है और जांच एजेंसी कई रेड मार चुकी है।
केजरीवाल का आरोप है कि फर्जी मामले में जांच एजेंसी ने आप के कई नेताओं को जेल में डाल रखा है। अब भाजपा पूछताछ के बहाने उनको भी गिरफ्तार कराना चाहती है। उसका मकसद आप के लोकसभा चुनाव प्रचार को रोकना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी संपत्ति ईमानदारी है। झूठे आरोप व फर्जी समन भेजकर ईमानदारी पर चोट की जा रही है।
ईडी के समन को गैर-कानूनी बताते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने ईडी से कुछ सवाल पूछे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसका सीधा मतलब है कि जांच एजेंसी के पास शराब घोटाले का कोई पुख्ता सुबूत नहीं है। एजेंसी का समन गैर-कानूनी है। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या उनको गैर-कानूनी समन का पालन करना चाहिए, अगर कानूनी रूप से सही समन आएगा, तो वह पूरा सहयोग करेंगे।