
प्रदेश सरकार अब केंद्र सरकार की उड़ान योजना की तर्ज पर उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार उत्तराखंड से देश व विदेश के विभिन्न शहरों को जोड़ा जाएगा।
प्रदेश सरकार खुद ही इन मार्गों का चयन करने के साथ ही हवाई व हेली कंपनियों से इन पर संचालन के प्रस्ताव आमंत्रित कर सकेगी। इन मार्गों पर किराये का फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। यद्यपि, इन मार्गों पर हवाई अथवा हेली सेवा शुरू करने के लिए डीजीसीए से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
सरकार का उद्देश्य इस योजना के अंतर्गत काठमांडू, अयोध्या, वाराणसी और अमृतसर के लिए हवाई सेवा शुरू करना है। प्रदेश में अभी हवाई जहाज केवल चुनिंदा हवाई अड्डों पर ही संचालित हो सकते हैं। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के नैसर्गिक सुंदरता वाले स्थानों के लिए केवल हेली सेवाएं ही संचालित हो सकती हैं।
यह योजना केंद्र सरकार की उड़ान यानी क्षेत्रीय संपर्क योजना तथा अंतरराष्ट्रीय संपर्क योजना पर आधारित है। इस योजना में हवाई सेवाओं के संचालन पर दिया जाने वाला अनुदान यानी वाइबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) राज्य सरकार वहन करेगी। इस योजना को वर्ष 2029 तक संचालित किया जाएगा। योजना के तहत चयनित मार्ग का मूल अथवा गंतव्य उत्तराखंड राज्य में होगा।