
देश में इन दिनों पुणे में हुए सड़क हादसे की चर्चा हो रही है। यहां एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जो शराब के नशे में धुत था। कोर्ट ने उसे निबंध लिखने की सजा देकर रिहा कर दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी। इस मामले में लगातार नए-नए पहलू सामने आ रहे हैं। अब नाबालिग ने ड्राइवर द्वारा कार चलाए जाने का दावा किया है। वहीं ड्राइवर ने अपना बचाव करते हुए लड़के के पिता पर आरोप लगाए हैं। ऐसे में यह मामला सुलझने की जगह और उलझता जा रहा है।
रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के आरोपी बेटे ने दावा किया कि दुर्घटना के समय ड्राइवर गाड़ी चला रहा था। वहीं, हादसे के समय नाबालिग के जो दोस्त साथ थे उन्होंने भी इसका समर्थन किया है। दूसरी तरफ ड्राइवर लगातार अपना बयान बदल रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि ड्राइवर ने शुरुआत में यह कबूल किया था कि हादसे के समय वही कार चला रहा था। इसके अलावा, विशाल अग्रवाल ने भी यह दावा किया है कि कार ड्राइवर ही चला रहा था।
हालांकि एक अन्य रिपोर्ट में डीसीपी (क्राइम) अमोल जेंडे के हवाले से बताया गया कि ड्राइवर ने नाबालिग के पिता पर आरोप लगाए हैं। ड्राइवर ने बताया कि किशोर नशे में होने के बावजूद पोर्श चलाने पर जोर दे रहा था। इस पर उसने लड़के के पिता को फोन किया और पूरी बात बताई। पिता ने बेटे को कार चलाने देने का निर्देश दिया। साथ ही उसे साथ की सीट पर बैठने को कहा। ड्राइवर ने आगे कहा, ‘मैंने आदेश का पालन किया और लड़के के दो दोस्तों के साथ पीछे जाकर बैठ गया।’