Fraud : पंजाब विजिलेंस ने पुलिस विभाग के दो कर्मियों को 102 लोगों से 26 लाख 2 हजार 926 रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में किया गिरफ्तार 

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पुलिस में दर्जा-4 के पदों पर भर्ती के नाम पर 102 लोगों से हुई धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई तेज कर दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पूरे मामले में नजर बनाई हुई है, ताकि भर्ती धोखाधड़ी के इस खेल में शामिल महकमे के बड़े अफसरों की मिलीभगत का पता लगाया जा सके। विजिलेंस ने पकड़े गए दोनों आरोपियों को बुधवार को जालंधर कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।

पूरे मामले की जांच कर रहे विजिलेंस ब्यूरो जालंधर के एक अधिकारी ने बताया कि रिमांड के दौरान पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपी तरलोचन पाल और सुरिंदर पाल ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस हेडक्वार्टर में दो पुलिसकर्मियों को भर्ती कराने के लिए नौ लाख रुपये दिए थे। जांच में सामने आया है कि जिन लोगों से दोनों आरोपियों ने भर्ती के नाम पर नौ लाख रुपये लिए थे, जब उनकी भर्ती बताए गए समय में नहीं हुई तो उसमें से कुछ पैसे वापस भी लौटा दिए गए, लेकिन आधे से ज्यादा धोखाधड़ी की रकम आज भी पुलिस हेडक्वार्टर में तैनात इन दोनों पुलिसकर्मियों के पास है।

जालंधर विजिलेंस के अधिकारी ने बताया कि जिन 102 लोगों से दोनों आरोपियों ने भर्ती के नाम पर 26,02,926 रुपये की धोखाधड़ी की है। उन सभी पीड़ितों के विजिलेंस के सामने स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए जा रहे हैं, ताकि इन दो आरोपियों के अलावा इस भर्ती धोखाधड़ी के खेल में कौन लोग शामिल हैं, उनका पता लगाया जा सके।

रिमांड के दौरान आरोपी सुरिंदर पाल ने यह कबूल किया कि उसने लोगों से भर्ती के नाम पर जो रकम इकट्ठा की थी, उसे तरलोचन पाल के बैंक खातों और कुछ नकद देकर लोगों की भर्ती कराने के लिए नाम भेजे थे। यहां तक की दोनों आरोपियों ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस हेडक्वार्टर में तैनात दो पुलिसकर्मियों को इस काम के लिए नौ लाख रुपये दिए थे।

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