उत्तराखंड में बिजली दरों में बढ़ोतरी के नए प्रस्ताव पर नियामक आयोग ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जवाब मांगा है। आयोग ने यूपीसीएल को 6 जनवरी तक अपना जवाब देने का समय दिया है। 26 दिसंबर को यूपीसीएल ने विद्युत दरों में वृद्धि के लिए नियामक आयोग में एक पिटीशन दायर की थी, जिसे आयोग के अधिकारियों ने गहराई से अध्ययन किया। इसके बाद, आयोग ने यूपीसीएल से उन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिनके आधार पर दरों में वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है।
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यूपीसीएल को बिंदुवार जानकारी के लिए पत्र भेजा जा चुका है। आयोग ने यूपीसीएल से यह भी पूछा है कि पुराने वित्तीय वर्ष की वसूली के लिए 12 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को विभिन्न मदों में किस प्रकार रखा गया है, इसके बारे में प्रमाण और तथ्यों के साथ जानकारी दी जाए। यूपीसीएल को 6 जनवरी तक इस पर जवाब देना होगा।
यूपीसीएल का जवाब मिलने के बाद आयोग इस पिटीशन पर जनसुनवाई करेगा और फिर दरों में वृद्धि पर निर्णय लिया जाएगा। नई बिजली दरें 1 अप्रैल से लागू होने वाली हैं।
इस प्रस्ताव में यूपी से विभाजन से संबंधित पुराने 4,300 करोड़ रुपये के हिसाब को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि राज्य सरकार अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है। इस कारण, बढ़ोतरी का प्रस्ताव इस पुराने हिसाब से अलग रखा गया है।