SBI रिपोर्ट: चुनावों में महिला मतदाताओं की बढ़ती भागीदारी पर बड़ा खुलासा

SBI रिपोर्ट: महिला मतदाताओं की बढ़ती भागीदारी में साक्षरता, रोजगार और आवास योजनाओं का अहम योगदान

बीते लोकसभा चुनावों में महिला मतदाताओं की संख्या में जबरदस्त उछाल देखा गया, जो एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है। महिला मतदाताओं की भागीदारी में बढ़ोतरी के कारणों का खुलासा अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक ताज़ा रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, साक्षरता दर में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी के कारण चुनावों में महिला मतदाताओं की भागीदारी में 25 प्रतिशत का उछाल आया।

45 लाख महिलाएं साक्षरता में वृद्धि के कारण चुनावी प्रक्रिया में शामिल हुईं

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के लोकसभा चुनाव में 2019 की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या में 1.8 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। इनमें से 45 लाख महिलाएं साक्षरता दर में वृद्धि के कारण मतदान में शामिल हुईं। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि शिक्षा का असर न सिर्फ महिला सशक्तिकरण पर, बल्कि उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के इस्तेमाल पर भी सकारात्मक रूप से पड़ा है।

रोजगार और स्वच्छता योजनाओं का भी अहम योगदान

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रोजगार योजनाएं, जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस योजना के तहत करीब 36 लाख महिलाएं चुनावी प्रक्रिया में भागी हैं। इसके अलावा स्वच्छता अभियान ने भी महिलाओं के मतदान करने की प्रवृत्ति को प्रभावित किया है, जिससे लगभग 21 लाख महिला मतदाता सक्रिय हुए हैं। इसके साथ ही साफ पीने का पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी महिलाओं पर सकारात्मक असर पड़ा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का महिला सशक्तिकरण पर प्रभाव

एक और अहम पहलू जो रिपोर्ट में सामने आया, वह है महिलाओं के मकान पर मालिकाना हक का बढ़ना। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित किए गए 74 प्रतिशत आवासों का मालिकाना हक महिलाओं के पास होने से करीब 20 लाख महिला मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह बदलाव महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो महिलाओं को चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।

महिला सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बढ़ती भागीदारी

SBI की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि शिक्षा, रोजगार, और बुनियादी जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करके महिला सशक्तिकरण को और मजबूत किया जा सकता है, जिससे उनकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ेगी। इन पहलों से न केवल जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि यह लोकतंत्र को भी मजबूती प्रदान करता है, जो देश के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को आकार देता है।

यह रिपोर्ट दर्शाती है कि महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों ने चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को सुनिश्चित किया है, और आने वाले समय में यह और भी मजबूत हो सकती है।

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