इस साल सौर चक्र में रहेगी हलचल: जबरदस्त सन स्पॉट्स का होगा दृश्य, 100 सालों में सबसे कमजोर रहा सोलर साइकिल

सौर चक्र 25 में सूर्य की बढ़ती सक्रियता: इस वर्ष सन स्पॉट्स और सौर फ्लेयर्स के तीव्र होने की संभावना

इस वर्ष सूर्य में जबरदस्त सोलर गतिविधियों का अनुमान है, जिसमें सन स्पॉट्स और सौर फ्लेयर्स की वृद्धि देखी जा सकती है। जहां पिछला 11 वर्षीय सौर चक्र (सोलर साइकिल 24) 100 वर्षों में सबसे कमजोर साबित हुआ था, वहीं वर्तमान सौर चक्र (सोलर साइकिल 25) को इतिहास में सबसे अधिक सक्रिय होने की संभावना है। वैज्ञानिक इस सौर चक्र का गहन अध्ययन कर रहे हैं, क्योंकि इसके प्रभाव पृथ्वी के मौसम, सौर तूफानों, और संचार प्रणालियों पर महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

सौर चक्र 25 इस समय अपने पूरे उफान पर है और 2025 में इसे चरम पर पहुंचने की उम्मीद है। एक सौर चक्र 11 वर्षों का होता है, जिसमें इसके सक्रिय और निष्क्रिय दौर आते हैं। वर्तमान सौर चक्र 2019 में शुरू हुआ था और अब तक के सबसे सक्रिय सौर चक्रों में से एक माना जा रहा है। इसका शिखर 2025 में आ सकता है, जब सन स्पॉट्स की अधिकतम गतिविधि देखी जाएगी।

सौर चक्र 24 (2008-2019) के दौरान सौर गतिविधियाँ न्यूनतम रही थीं। इस दौरान सौर गतिविधियों की तीव्रता 265 वर्षों में चौथी सबसे कम रही थी, और यह पिछले 100 वर्षों में सबसे कमजोर सौर चक्र था। इसके विपरीत, सौर चक्र 25 के दौरान गतिविधियां अधिकतम हो सकती हैं, जिससे सौर ज्वालाओं, कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) और भू-चुंबकीय तूफानों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इन घटनाओं का पृथ्वी की प्रौद्योगिकी, मौसम और प्राकृतिक घटनाओं पर दूरगामी असर पड़ सकता है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि सौर गतिविधियाँ 2025 के पूरे वर्ष तेज़ रहेंगी, और जुलाई 2025 तक सूर्य पर 115 सन स्पॉट्स की संख्या तक पहुंचने की संभावना है। इस दौरान सौर ज्वालाओं की तीव्रता भी अधिक हो सकती है, जो पृथ्वी के संचार और मौसम प्रणालियों को प्रभावित कर सकती हैं। 4 जनवरी 2025 को सूर्य से निकली एक प्रचंड सौर ज्वाला ने भी इस बात को और पुख्ता किया है कि सौर चक्र 25 पहले से ही अत्यधिक सक्रिय हो चुका है। यह ज्वाला एक्स कैटेगरी की थी, जो सर्वाधिक तीव्र सौर ज्वालाओं में से एक मानी जाती है।

सौर चक्र की यह गतिशीलता अब तक के रिकॉर्ड्स को पार कर चुकी है। सौर चक्र 25 का शिखर पहले ही सौर चक्र 24 (2014) के शिखर को पार कर चुका है, और हाल के महीनों में सौर गतिविधियों का स्तर 2002 के बाद से सबसे अधिक सक्रिय देखने को मिला है।

आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) के खगोलज्ञ डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार, सौर चक्रों का अध्ययन 1755 से शुरू हुआ था, और वर्तमान में चल रहे सौर चक्र को 25वां माना जाता है। प्रत्येक 11 साल के सौर चक्र में सौर गतिविधियाँ समय-समय पर बढ़ती और घटती हैं, और इसका चरम (सोलर मैक्सिमम) और न्यूनतम (सोलर मिनिमम) की अवधि होती है।

वर्तमान में सौर चक्र 25 की गति और सक्रियता यह दर्शाती है कि हम एक ऐसे दौर में हैं जहां सूर्य की गतिविधियाँ अपने चरम पर पहुँचने वाली हैं, और इसके प्रभाव पृथ्वी पर स्पष्ट रूप से महसूस किए जाएंगे। इस सौर चक्र के दौरान हमें सन स्पॉट्स, सौर फ्लेयर्स, और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) की अधिक संख्या देखने को मिल सकती है, जो पृथ्वी के वायुमंडल और संचार प्रणालियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।

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