
पंजाब में पिछले कुछ महीनों से पुलिस चौकियों और थानों पर लगातार ग्रेनेड हमले हो रहे हैं, और अब आतंकियों ने आम लोगों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। बुधवार रात को अमृतसर में आतंकियों ने एक शराब कारोबारी, अमनदीप सिंह पप्पू जयंतीपुरिया के घर पर ग्रेनेड हमला करवा दिया। इस हमले के बाद पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है, क्योंकि विदेश में बैठे आतंकियों जैसे हैप्पी पासियां अब आम लोगों के घरों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस इन आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने में विफल साबित हो रही है, और हमले रोकने में भी नाकामयाब हो रही है।
इस स्थिति को देखते हुए पंजाब पुलिस अब इन आतंकियों को पकड़ने के लिए इंटरपोल का सहारा लेने की योजना बना रही है। इसके लिए पुलिस ने इंटरपोल से सहायता के लिए निवेदन भेजा है, ताकि विदेश में बैठे आतंकियों पर शिकंजा कसा जा सके। पंजाब पुलिस की ओर से एसएसपी देहाती चरणजीत सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जिन युवकों ने ग्रेनेड फेंका था, उनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही इन अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।
इस हमले के बाद बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से जिम्मेदारी ली और आतंकियों ने कहा कि यह हमला शराब कारोबारी पप्पू को रंगदारी न देने के कारण किया गया। आतंकियों ने पप्पू को फोन कर कहा था कि वे पंजाब में शराबबंदी करेंगे और इसकी शुरुआत माझा इलाके से होगी। पप्पू ने उनकी धमकी को नजरअंदाज कर दिया था, जिससे नाराज होकर आतंकियों ने यह हमला किया।
आतंकियों ने पप्पू से रंगदारी की भी मांग की थी, लेकिन जब पप्पू ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया। यह हमले पंजाब में आतंकियों की बढ़ती दबंगई और रंगदारी की संस्कृति को दर्शाते हैं, जिसे रोकने के लिए पंजाब पुलिस को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।