
उत्तराखंड के देहरादून में नगर निगम चुनाव के दौरान एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे चुनावी माहौल को गरमा दिया। यह घटना उस समय हुई जब चुनाव के बाद बैलेट बॉक्सों को इकट्ठा किया जा रहा था और इन्हें काउंटिंग स्थल तक पहुँचाया जा रहा था। अचानक, निर्दलीय प्रत्याशी पर आरोप लगा कि उसने अपनी हार को लेकर बैलेट बॉक्स लूटने की कोशिश की। आरोप है कि निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों ने बैलेट बॉक्सों को छीनने की कोशिश की, ताकि चुनाव परिणामों को प्रभावित किया जा सके। इस घटना के बाद, चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप विपक्षी दलों ने भी उठाया और आरोप लगाया कि यह एक सोची-समझी साजिश हो सकती है।
मौके पर मौजूद मतदाताओं और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बैलेट बॉक्सों की लूट की कोशिश के दौरान भारी बवाल हुआ। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि मतदान केंद्र पर हंगामा और झड़पें शुरू हो गईं, जिससे चुनावी माहौल में खलबली मच गई। पुलिस और स्थानीय प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप करना पड़ा और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ा ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटनास्थल पर मौजूद लोग और प्रत्याशियों के समर्थक एक-दूसरे से भिड़ गए, जिससे माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया।
इस घटना के बाद, उत्तराखंड के स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग दोनों की ओर से इसे गंभीरता से लिया गया। प्रशासन ने इस मामले की तुरंत जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं और चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता को लेकर चिंताएं व्यक्त की हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए गंभीर खतरा बताते हुए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता जताई है।
चुनाव आयोग ने इस घटना को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से चुनावों की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है। आयोग ने मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात की है। साथ ही, चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वे सभी जरूरी कदम उठाने का वादा कर रहे हैं। इस मामले के बाद, देहरादून और पूरे राज्य में चुनावी माहौल पर असर पड़ा है और यह मामला आगामी निकाय चुनावों के लिए एक अहम संदेश के रूप में सामने आया है।